Unesco Conference Begins in Bhopal : यूनेस्को की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस की सोमवार से मध्यप्रदेश के भोपाल में शुरुआत हुई, सुबह 10 बजे मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोदिया ने कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया। हालांकि इस कांफ्रेस का उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करना था लेकिन उम्मीद जताई जा रही है वह कांफ्रेस के दूसरे दिन यानि मंगलवार को इसमें शामिल होंगे, कांफ्रेस में दक्षिण एशियाई देश भारत, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका के डेलिगेट्स भाग ले रहे है।
दो दिवसीय कांफ्रेस
यूनेस्को नई दिल्ली के ऑफिस इंचार्ज हिचकील देलमिनी भी कॉन्फ्रेंस में वर्चुअली जुड़े। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं एमपी टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिवशेखर शुक्ला समेत विभिन्न देशों के डेलिगेट्स उद्घाटन अवसर पर मंच पर मौजूद रहे। दो दिवसीय इस कांफ्रेस में भारत, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका के विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधि विश्व विरासत स्थलों के संरक्षण के क्षेत्र में उपलब्धियों, चुनौतियों एवं आगामी रणनीति जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। जिसके बाद कांफ्रेस में हुए मंथन को भोपाल डिक्लेरेशन के नाम से पब्लिश किया जाएगा। प्रदेश में पहली बार हो रही इस कांफ्रेस में दुनिया के अलग अलग देशों में पिछले 50 साल में हुए पर्यावरण और विरासत को बचाने जो काम हुए उन पर मंथन किया जाएगा। कार्यक्रम में हैरिटेज साइट्स से समुदाय को जोड़ने पर भी विचार किया गया।
बड़ी संख्या में विदेशों से प्रतिनिधि पहुंचे
यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन), पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय पुरातत्व संरक्षण और पर्यटन विभाग मप्र के संयुक्त तत्वाधान में विश्व विरासत पर उप-क्षेत्रीय सम्मेलन (सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस) हो रही है। इसमें शामिल होने के लिए रविवार को ही भारत सहित भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका के विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधि भोपाल आ गए थे। पहले दिन उद्घाटन अवसर के सेशन के बाद सभी देशों के प्रजेंटेशन हुए। जिसमें पिछले 50 साल में यूनेस्को ने विरासतों को किस प्रकार से संरक्षण किया, इसके बारे में विचार साझा किए। वहीं, आगामी 50 साल तक संरक्षण की दिशा में किस प्रकार से कदम उठाए जाएं, इस पर मंथन किया। इन हैरिटेज साइट्स से समुदाय को जोड़ने पर भी विचार किया गया। नेपाल में भूकंप और भारत-श्रीलंका के बीच रामसेतु पर भी चर्चा की गई।