कांग्रेस अध्यक्ष की टिप्पणी पर भड़के विश्वास सारंग, बोले- सीएम डॉ मोहन यादव से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें जीतू पटवारी

सारंग ने कहा कि अपनी सीमाओं में रहें जीतू पटवारी, वे एक मुख्यमंत्री के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, वो भूल रहे हैं कि मोहन यादव उस सदन के नेता है जिसमें जीतू पटवारी पहुंच भी नहीं पाए।

Atul Saxena
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MP Minister Vishvas Sarang

Jitu Patwari comment on CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश की दो विधानसभा में हो रहे उप चुनावों को लेकर प्रदेश का सियासी माहौल गरम है, भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच बयान युद्ध चल रहा है इसी बीच सीएम डॉ मोहन यादव के एक बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ऐतराज जताया और कहा ऐसी भाषा किसी छुटभैये नेता की हो सकती है सीएम की नहीं, जीतू पटवारी की टिप्पणी पर कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार किया है और उनसे मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने के लिए कहा है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा पिछले दिनों दिए गए एक बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की टिप्पणी से सियासी बवाल मच गया है, मुख्यमंत्री ने एक संबोधन के दौरान कहा था कि हमें छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं… मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस पर ऐतराज जताया और कहा कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए ये भाषा तो किसी छुटभैये नेता जैसी भाषा है।

सीएम डॉ मोहन यादव से सार्वजनिक माफ़ी मांगें जीतू पटवारी : सारंग  

जीतू पटवारी के इस बयान पर मध्य प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने कड़ा ऐतराज जताया है, सारंग ने कहा कि अपनी सीमाओं में रहें जीतू पटवारी, वे एक मुख्यमंत्री के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, वो भूल रहे हैं कि मोहन यादव उस सदन के नेता है जिसमें जीतू पटवारी पहुंच भी नहीं पाए, जनता ने बुरी तरह हराया है, वे 163 विधायकों के नेता है, प्रदेश की साढ़े साथ करोड़ जनता के मुखिया के तौर काम कर रहे हैं, मैं कहता हूँ जीतू पटवारी तुरंत सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से माफ़ी मांगें।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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