भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भीषण गर्मी की चपेट से मध्यप्रदेश में लोग बेहाल है, संक्रामक रोग अब धीरे धीरे अपने पैर पसारना शुरू कर रहे है, वही गर्मी का असर अब लू के साथ महसूस हो रहा है, अप्रैल महीने के दूसरे सप्ताह में ही गर्मी में आग बरसाते सूरज और गर्म हवा के थपेड़ों को झेलना काफी मुश्किल हो रहा है। गर्मी में लू लगने का खतरा बढ़ गया है। आज हम ऐसे उपाय बताएगे जिन्हे अपनाकर लू अन्य कई रोगों से बचा जा सकता है।
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गर्मी की शुरुआत होते ही परेशानिया भी शुरू हो जाती है, और यह परेशानिया सामने आती है स्वास्थ्य संबंधी, गर्मियों में ज्यादातर समय व्यक्ति पाचन संबंधी तकलीफों में उलझ जाता है वही शरीर के अंगों में संकुचन, जोड़ों में दर्द, नजला, जुकाम, नींद की कमी, सूजन, निर्बलता, स्पर्श शून्य, आंखों में जलन, आंखों का लाल होना आदि भी परेशानियाँ भी हो जाती है।
लू लगने पर क्या करें
यदि अप तेज धूप में निकलते है और आपको लू लग जाती है तो यह उपार करने से फायदा होता है, सबसे पहले लू लगने के दौरान वात शमन के उपाय करने चाहिए। वात नाशक द्रव्य, मधुर, देवदार, कौंच सहचरा, सहजना, गिलोय, पुर्ननवा, भृंगराज, वरुण, हल्दी, शतावर, कुलथी आदि पदार्थों का सेवन करना चाहिए। गर्म वायु के प्रकोप से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा शीतल पेय पदार्थ, आकस्मिक आघात, रात को देर तक जागना, प्रकृति के विरुद्ध आचरण, शुष्क गुणों वाले खाद्य पदार्थों का सेवन, चिंता, शोक, उद्वेग और क्रोध करने से बचना चाहिए। शरीर की मालिश, गर्म जल स्नान और नाक से तेल विशेष सूंघना लाभकारी है। इस बात का खास खयाल रखें कि घर से खाली पेट बाहर न निकलें, सूती वस्त्रों का प्रयोग करें और पूरी आस्तीन की कमीजें पहनें। संभव हो, तो प्याज भी जेब में रखकर चल सकती हैं। बाहर से घर आते ही जूते-जुराब तुरंत न उतारें, न ही आते ही पानी पिएं।
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घमौरी होने पर क्या करें
गर्मी में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली समस्या घमौरी होती है, पीठ, गर्दन के साथ ही शरीर के अलग अलग हिस्सों में निकलने वाले छोटे छोटे दाने घमौरी कहलाते है, पसीने से होने वाली घमौरी तक्लीफ़दायक होती है, घमौरी के लिए नीम या तुलसी की पत्तियों का उबटन और सूखे नीम के पत्तों का चूरण बनाकर लगाना चाहिए। नीम के पत्ते पानी में उबालकर ठंडा करके नहाना लाभकारी है। गर्मी में पसीना खूब आता है, जो शरीर के अंदर सूखकर दुर्गंध पैदा करता है। इससे बचने के लिए नीम या तुलसी की पत्तियों का उबटन लगाकर स्नान करें। नहाने में नीम के पत्तों का उबला पानी इस्तेमाल करें। इससे न केवल बदबू समाप्त होगी, बल्कि त्वचा पर होने वाले फोड़े-फुंसी, खुजली में भी राहत मिलेगी। इस मौसम में दही, छाछ, मौसमी फल, अंगूर, पपीते का सेवन लाभकारी है। इसके साथ ही खूब पानी का सेवन करें।
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लू से राहत पाने के उपाय
लू की चपेट में आने पर सर पर पानी डाले, माथे पर ठंडे पानी की पट्टिया रखे, इसके साथ ही कच्चे आम का पना पिए, सत्तू पानी में घोलकर पिएं, यह आपका लू से बचाव करेगा। प्याज का रस पिएं, इससे लू से बचाव होगा। साथ ही प्याज के रस को तलवों पर लगाना भी बहुत गुणकारी होता है। बच्चे, वृद्ध, मधुमेह के रोगी, हृदय रोग से पीड़ित और शरीर से दुर्बल लोग धूप में निकलने से परहेज करें। गर्मी से बचना है, तो खाली पेट कभी न रहें। तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें।
आंखों को बचाने के लिए धूप का चश्मा पहने, लू के थपेड़ों से कानों को बचाएं। इमली, धनियां, कच्चा आम, प्याज हमेशा घर में रखें। लू लगने पर इमली का गूदा पानी में मथकर पिलाने से उल्टी और गर्मी के कारण होने वाले बुखार में लाभ होता है। लू लगने पर इमली का गूदा पानी में घोलकर हथेलियों और तलवों पर मलना अच्छा होता है।इसके साथ ही तरल पेय पदार्थ लगातार पीते रहे, ठंडा पानी या ज्यादा ठंडे पेय पदार्थ न पिए।