क्या है प्रशासन का गुमठी कनेक्शन

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भोपाल।  राजधानी के प्रमुख व्यावसायिक केंद्र एमपी नगर जोन वन और जोन टू में गुमठियों को लेकर जमकर राजनीति हो चुकी है, गुमठियां हटाने पर तगड़ा विरोध हुआ, इसके बाद भी हटा दी गई, लेकिन एक बार फिर भोपाल जिला प्रशासन पुलिस और नगर निगम के अधिकारी गुमठियों को फिर  दोबारा रखने की तैयारी कर रहे हैं, जिसका अब कोचिंग के छात्रों ने कड़ा विरोध किया है| गुमठी माफियाओं के खिलाफ कोचिंग क्लासेज के बच्चे सड़कों पर उतर गए और करीब 5 हजार बच्चों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी दिखाते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया| अब सवाल उठता है कि जब गुमटियां हटाई गई थी तो फिर इन्हें दोबारा बसाने का क्या औचित्य। आखिर प्रशासन का इससे क्या कनेक्शन है, वहीं गुमठियों को हटाने का विरोध करने वाले नेताओं की गुमठी वालों की रोजी रोटी की चिंता करना भी शंका खड़ा करता है| क्यूंकि ��िरोध के पीछे गुमठी संचालकों की रोजी-रोटी बचाने की मंशा नहीं है, बल्कि करोड़ों की काली कमाई की चिंता है। क्योंकि गुमठियों से हर महीने लाखों रुपए की अवैध कमाई हेाती है। जिसका हिस्सा कुछ रसूखदार नेताओं के साथ-साथ प्रशासन में बैठे लोगों तक भी पहुँचता है|   

जिस तरह से नगर निगम द्वारा पिछले दिनों गुमठी हटाने की कार्रवाई की गई, उससे यह तथ्य सामने आए हैं कि पक्ष एवं विपक्ष के कई नेताओं ने गुमठी संचालकों को संरक्षण दे रखा है। वे हर महीने उनसे किराया वसूलते हैं। गुमठियों से अवैध वसूली नगर निगम, पुलिस तक भी पहुंचती है। यही वजह है कि अभी तक गुमठी हटाने को लेकर कड़ा अभियान नहीं चला और चला तो सिर्फ खानापूर्ति होती रही है, और अब जब गुमठियां हटा दी गई तो अपने खो चुके रोजगार के बड़े स्रोत को पुनः स्थापित करने के लिए प्रशासन में बैठे जिम्मेदारों ने फिर गुमठियां रखने का काम कर दिया|  


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