आखिर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने डिंडोरी में पदस्थ किये एसपी को हटाने के लिए सीएम डॉ मोहन यादव से क्यों किया अनुरोध

Atul Saxena
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Umang Singhar

MP News : आज के दौर की सियासत भी बहुत अजीब है, विरोधी नेता एक दूसरे की तारीफ करें तो उंगलियां उठने लगती हैं , अब ताजा मामला मप्र के नेता प्रतिपक्ष से जुड़ा हुआ सामने आया है जिसमें उनके एक रिश्तेदार का नए जिले में पदस्थापना  आदेश शासन ने जारी क्या किया, मीडिया ने उमंग सिंघार की नीयत पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिए, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से उस अधिकारी की नियुक्ति आदेश रद्द करने का अनुरोध किया है।

मामला IPS निखिल पटेल से जुड़ा हुआ है, गृह मंत्रालय ने गत दिवस एक आदेश जारी कर 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी  सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय निखिल पटेल को फील्ड में भेज दिया, शासन के आदेश पर गृह मंत्रालय ने निखिल पटेल को एसपी डिंडोरी एसपी के पद पर पदस्थ कर दिया।

उमंग सिंघार का बहनोई होने के चलते IPS निखिल पटेल की पदस्थापना पर उठी उंगली 

निखिल पटेल की पदस्थापना के बाद ये मामला मीडिया में अलग तरीके से सामने आया, मीडिया में आया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की प्रशासनिक अफसरों पर किये जा रहे सख्त एक्शन की नेता प्रतिपक्ष ने तारीफ की और अगले ही दिन उनके बहनोई निखिल पटेल को सरकार ने पीएचक्यू से हटाकर डिंडोरी एसपी बना दिया।

सिंघार ने सीएम डॉ यादव से पदस्थापना रद्द करने का अनुरोध किया

मीडिया में इस तरह की बातें सामने आने के बाद उमंग सिंघार सामने आये और उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से इस नियुक्ति को निरस्त कर निखिल पटेल को वापस पुलिस मुख्यालय में ही पदस्थ करने का अनुरोध किया , उमंग सिंघार ने X पर लिखा- मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी,  नवनियुक्त डिंडोरी पुलिस अधीक्षक मेरे रिश्तेदार हैं शायद यह जानकारी आपको भी नहीं होगी लेकिन मीडिया में आयी ख़बरों से लग रहा है कि हाल ही में हुए इस स्थानांतरण आदेश का कुछ ग़लत अर्थ निकाला जा रहा है, कौन अधिकारी कहाँ पदस्थ हो यह आपका विवेकाधीन अधिकार है, परंतु मेरा निवेदन है कि यह आदेश निरस्त कर उन्हें पुलिस मुख्यालय लूप-लाइन में ही रखा जाये, ताकि प्रदेश की जनता के सामने भ्रम की स्थिति ना रहे एवं एक ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारी की छवि भी ख़राब ना हो। साथ ही मीडिया को भी एहसास रहे कि इस तरह की भ्रमित करने वाली टेबल या मैनेज न्यूज़ ना बनाई जाएँ।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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