युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, MP की आदिवासी महिला के लिए मांगा न्याय

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को मध्य प्रदेश से पहला शिकायती पत्र भेजा गया है। इस पत्र में एक आदिवासी महिला के परिवार को न्याय दिलाने की मांग की गई है। मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने पत्र में प्रदेश सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया है।

युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया (MP Youth Congress President Dr Vikrant Bhuria) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा है। पत्र में मध्य प्रदेश के गुना में एक आदिवासी महिला की दबंगों द्वारा जलाकर हत्या करने की बात कही गई है। कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा है कि सहरिया आदिवासी महिला रामप्यारी बाई को दबंगों ने सरेआम जला दिया और कोई कुछ नहीं कर पाया।

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उन्होंने लिखा कि दबंगों ने उसके पति के अर्जुन आदिवासी के नाम की 6 बीघा जमीन (कृषि भूमि) पर 6 महीने पहले कब्ज़ा कर लिया था, परिवार ने शिकायत की तो तहसीलदार ने राजीनामा करवा दिया। लेकिन दबंगों ने जान से मारने की  लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसका नतीजा ये हुआ कि दबंगों को शह मिली।

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गांव के दबंगों ने रामप्यारी के खेत पर ट्रेक्टर चला दिया जब उसने रोकने की कोशिश की तो उसके ऊपर डीजल छिड़ककर आग लगा दी जिससे उसकी मौत हो गई। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन ना तो उनके ऊपर कोई ठोस कार्यवाही की गई ना ही उनके घरों पर बुलडोजर चलाये गए।

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पत्र में डॉ विक्रांत भूरिया ने लिखा कि आप एक आदिवासी परिवार से आती हैं इसलिए आदिवासी जनभावना को समझते हुए एक पीड़ित आदिवासी परिवार को न्याय दिलाने के लिए मप्र सरकार को निर्देशित करें, जिसे वो पीड़ित परिवार को सहायता मुहैया कराये और दोषियों को कड़ी सजा दिलाये।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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