किसान आंदोलन के जवाब में भाजपा गिना रही फायदे, जिलों में की प्रेस कॉन्फ्रेंस

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश भर में कृषि बिल को लेकर किसानों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। किसानों का आक्रोश देखते हुए बीजेपी द्वारा कृषि बिल के फायदे गिनाने के लिए देश भर के सभी जिलों में प्रेसवार्ता की जा रही है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश के जबलपुर और देवास में भी बीजेपी ने प्रेस वार्ता की।

कृषि बिल आय बढ़ाने वाला – पाटन विधायक

जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर नए कृषि बिल के संबंध में जानकारी दी और लोगों की भ्रांतियों को दूर किया गया। भारतीय जनता पार्टी के पाटन क्षेत्र के विधायक अजय विश्नोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि नया कृषि कानून किसानों की आय बढ़ाने वाला है और इसमें किसानों और अन्य राजनीतिक दलों से चर्चा करने के बाद ही इस कानून का मसौदा तैयार किया गया और फिर इसे संसद में पास किया गया है।

उन्होंने उस गलतफहमी को भी पूरी तरह से खारिज किया जिसमें बताया गया कि केंद्र सरकार यदि कृषि से संबंधित कोई कानून बनाएगी तो यह राज्य सरकारों के ऊपर निर्भर करेगा कि वे उस कानून को अपने राज्यों में लागू करते हैं या नहीं। इस संदर्भ में विधायक अजय विश्नोई ने साफ तौर पर कहा कि संविधान में दो तरह की अनुसूची बनाई गई है।

इसमें कृषि से संबंधित व्यापार करने पर केंद्र सरकार को कानून बनाने का अधिकार है। केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए कानून को राज्यों को लागू करना बाध्यकारी होगा, इसमें किसी भी तरह की कोई संशय की बात नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि किसान जल्द अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे, क्योंकि केंद्र सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है और समन्वय बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

किसान आंदोलन के जवाब में भाजपा गिना रही फायदे, जिलों में की प्रेस कॉन्फ्रेंस

 

देवास में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा गया कि किसानों की आड़ लेकर की जा रही ओछी राजनीति

देवास, सोमेश उपाध्याय। किसान बिल को लेकर विपक्षी दलों द्वारा किसानों में भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है किसानों को सच्चाई से अवगत कराने को लेकर आज सोमवार को म.प्र. शासन में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने भाजपा कार्यालय पर पत्रकारों से चर्चा की। इस चर्चा में उन्होंने केन्द्र सरकार की किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अभी जो देश में किसानों की आड़ लेकर कुछ विपक्षी दल ओछी राजनीति कर रहे है। ऐसे आंदोलनों से किसानों का दूर-दूर तक कोई नाता नही है। सिर्फ विपक्षी दलों को कोई मुद्दा नही मिल रहा है तो वे किसानों को भ्रमित कर अपनी राजनीति चमकानें का कार्य कर रहे है।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अपनी उन्नति और खुशहाली के लिए तरस रहे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने ऐतिहासिक कृषि बिल लाकर जो सुधार करने का प्रयास किया है । वह देश कुछ कतिपय विपक्षी दल पचा नही पा रहे है और किसानों के हितेषी बनने का ढोंग रच रहे है एवं ऐसे लोग किसान आंदोलन की तरफदारी कर रहे हैं, जो कर्जमाफी का झूठा वादा करके किसानों को धोखा देते हैं।

मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों से अगर किसानों की तकलीफें कम हो रही हैं, तो इन्हें परेशानी क्यों हो रही है? उच्च शिक्षा मंत्री श्री यादव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों को प्रलोभन नहीं देना चाहती, बल्कि उन्हें सशक्त, सक्षम और अधिकार संपन्न बनाना चाहती है। कृषि कानूनों के जरिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किसानों को समृद्ध बनाने का प्रयास किया है और उनकी आय को दोगुना करने के अपने संकल्प की पूर्ति का प्रयास किया है।

किसान आंदोलन के जवाब में भाजपा गिना रही फायदे, जिलों में की प्रेस कॉन्फ्रेंस

किसान लगातार अपनी उन्नति व खुशहाली के लिए तरस रहे थे- भाजपा सांसद केपी सिंह यादव 

दतिया, सत्येन्द्र रावत। दतिया में भी सोमवार को गुना शिवपुरी से भाजपा सांसद केपी सिंह यादव ने आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकार को जानकारी देते हुए बताया कि स्वतंत्रता के पश्चात देश का किसान लगातार अपनी उन्नति व खुशहाली के लिए तरस रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए कृषि के क्षेत्र में ऐतिहासिक कानूनी प्रावधान किया है, जिसके तहत देश का किसान अपनी फसल का मूल्य निर्धारण करने व अपनी इच्छा के अनुरूप स्थान पर फसल को बेच सकता है। इस प्रावधान में तीन बिंदु मुख्य रूप से लिए गए हैं जिनमें पहला बिंदु कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020 दूसरा बिंदु कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 तथा तीसरा बिंदु आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020 शामिल किए गए हैं, जिसके तहत एक राष्ट्र एक बाजार की अवधारणा विकसित करने के लिए बाधा मुक्त व्यवस्था किसानों के लिए की गई है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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