बीजेपी नेता की दिग्विजय को चुनौती, हिम्मत तो दिखाए जेल इंतजार कर रही हैं 

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता डॉ हितेश वाजपेई ने कांग्रेस के सांसद दिग्विजय सिंह को चुनौती दी है कि वे कुणाल कामरा और मुनव्वर फारूकी को मध्य प्रदेश बुलाकर दिखाएं। मध्य प्रदेश की जेले उनका इंतजार कर रही है।

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स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और मुनव्वर फारूकी को लेकर दिग्विजय सिंह का ट्वीट बीजेपी के लिए मुद्दा बन गया है। थोड़ी देर पहले बीजेपी के मुखर विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय सिंह को जिन्ना का नया अवतार बताते हुए उन्हें चुनौती दी थी कि वे किसी भी स्थिति में मुनव्वर फारुकी और कुणाल कमरा का शो नहीं होने देंगे, यदि वे हिंदू देवी देवताओं का अपमान करेंगे। अब एक और वरिष्ठ नेता डॉक्टर हितेश वाजपेई ने कहां है कि “दिग्विजय सिंह की दाल तब तक नहीं गलती जब तक हिंदू मुसलमानों के बीच दंगे की आग नहीं भङकती और यही कारण है कि वे ऐसे विध्वंसकारी कलाकारों को आमंत्रित करते हैं जो इस आग में घी डालने का काम करें।” वाजपेई ने आगे कहा है कि ” शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश शांति का टापू है, नरोत्तम जैसे गृहमंत्री और कमिश्नर प्रणाली लागू हो चुकी है।” वाजपेई ने दिग्विजय को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि “दिग्विजय हिम्मत दिखाएं मध्य प्रदेश की जेल इनका इंतजार कर रही है।”

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क्या है मामला 

दरअसल दिग्विजय सिंह ने सोमवार की सुबह एक ट्वीट किया था और स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और मुनव्वर फारूकी को इस ट्वीट के माध्यम से मध्यप्रदेश में शो करने के लिए आमंत्रित किया था। दिग्विजय ने यह भी कहा था कि कॉमेडी का विषय दिग्विजय सिंह होंगे और इसमें संघ को कोई आपत्ति नहीं होगी। दिग्विजय के ट्वीट के बाद ही बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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