गणपति बप्पा को लगाया 50 क्विंटल के लड्डू का भोग, दर्शन को उमड़ी भीड़

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बुरहानपुर।

सोमवार को मोहना संगम स्थित श्री सिद्धेश्वर गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी पर सोमवार को 50 क्विंटल के 11 फीट ऊंचे लड्डू का भोग लगाया गया। मोतीचूर का यह लड्डू देशी घी से बनाया गया। इसे शहर के 30 कारीगर ने आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में दिन-रात 120 घंटे जुटकर तैयार किया है। सोमवार सुबह तक 7 फीट चौड़े और सात फीट गहरे बर्तन में लड्डू तैयार कर रख दिया गया था। चतुर्थी पर सुबह से श्रद्धालूओं के दर्शन करने बड़ी संख्या में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। शाम तक हजारों श्रद्धालूओं ने दर्शन किए। श्रद्धालूओं को लड्डू का प्रसाद वितरित किया गया।

मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष प्रशांत पाटील ने बताया गुरुवार सुबह 8 बजे से शनवारा स्थित गुजराती मोढ़ वणिक समाज वाड़ी में लड्डू बनाने पहुंचे। शुक्रवार सुबह करीब 24 घंटे दाल पीसने में लगे। उसी दिन बेसन गूंथकर बूंदी तलना शुरू की गई। रविवार सुबह 4 बजे तक शकर के पाक में भिगोई गई। सुबह 5 बजे से मंदिर परिसर में लड्डू बनाने के लिए बूंदी पहुंचाई। शनवारा वाड़ी से यहां तीन ट्रैक्टर-ट्रॉली में बूंदी भरकर ले जाई गई। रविवार को 42 कारीगर निरंतर 24 घंटे जुटकर 7 फीट चौड़े और 7 फीट गहरे पात्र में 11 फीट ऊंचे लड्डू को आकार दिया। मुख्य हलवाई सुभाष चौधरी ने निशुल्क सहयोग किया।

इंदौर से लाए गए पीतल से बने नाग देवता के हिस्से

रविवार को इंदौर से पीतल से बने नाग देवता के विभिन्न हिस्से लाए गए। इसमें निचला हिस्सा कुंडली में बैठक का, दूसरा मध्य और तीसरा फन का लाए थे। मुख्य कलाकार राजेश सोनी के नेतृत्व में पांच कारीगर इसे बनाने में जुटे थे। 22 फीट ऊंचे शिवलिंग पर पहले नींव मजबूत रखने का फाउंडेशन बनाया गया। इस पर कुंडली में निचला हिस्सा लगाया गया। इसके बाद दूसरा और तीसरा हिस्सा लगाया गया है। रविवार रात तक नाग देवता को स्थापित करने का काम चला। सोमवार को श्रद्धालूओं ने प्रदेश के सबसे ऊंचे 36 फीट ऊंचे शिवलिंग पर विराजे नागदेवता के दर्शन किए। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर में 6 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।


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