सतना/ पुष्पराज सिंह बघेल। अब बस करो सरकार, बस पर रहम करो। जी हाँ शासन की दोहरी नीति से चौतरफा मार झेल रहे सतना बस ऑनर्स कुछ ऐसी ही पुकार लगा रहा है। जो तीन महीने के टोटल लॉक डाउन से प्रभावित है और अब अनलॉक होने के बाद परिवहन विभाग की टैक्स विसंगत नीति के चलते बस संचालन करने की हिम्मत नही जुटा पा रहा है। जिसके चलते अपनी माँगो को लेकर बस ऑनर्स जिला कलेक्ट्रेट पहुँचे और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
सतना जिले में 900 से अधिक बसों का संचालन होता है। देखा जाय तो एक बस से 4 परिवार का भरण पोषण होता है। तीन महीने के लॉकडाउन ने बस व्यसाय से जुड़े परिवारों को एक साल पीछे कर दिया है। बिना किसी राहत मुआवजे के बस व्यवसाय से रोजी रोटी चला रहे कर्मचारी दाने दाने को मोहताज हो गए है। वहीं कुछ व्यवसाई तो अपना सब कुछ बेचकर बस व्यवसाय में कूद गए लेकिन लॉकडाउन के बाद वापस पटरी में आने के लिए थमे पहियों पर टैक्स देना उनके बस की नही है। लिहाजा अब सरकार के आगे गुहार लगा रहे है। कारोबारियों का भी साफ कहना है जब सरकार ने ही पूरी तरह से लॉकडाउन किया था, जिस कारण बसों का संचालन नही हो सका तो फिर परिवहन की गाइड लाइन में उनसे टैक्स कैसे लिया जा रहा है। जिसके चलते उनकी बसें परिवहन विभाग के कम्प्यूटर पर लॉक कर दिए गए है।
अनलॉक वन में वैसे तो दैनिक उपयोग के हर कारोबार का संचालन शुरू हो गया है। लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट अभी भी नीति निर्धारण के अभाव में ठप्प है। जिस पर बस कारोबारी एक जुट होकर सरकार तक अपनी बात पहुँचाने के लिए जिला प्रशासन के पास पहुँचा है। जहाँ मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है। जिला प्रशासन ने भी मांगो को शासन तक पहुँचाने की बात कही है।