Love Jihad से जुड़े विधेयक को कैबिनेट में नहीं मिली मंजूरी, सरकार कर रही विचार

Gaurav Sharma
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Love Jihad in Indore

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लव जिहाद (love jihad) से जुड़े विधेयक को लेकर मध्यप्रदेश में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक (MP Cabinet meeting) बुलाई गई थी, जिसमें कोई फैसला नहीं हो पाया। बता दें कि मध्यप्रदेश में लव जिहाद (love jihad) के खिलाफ प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 (Freedom of Religion Bill 2020) को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली। इसी के संबंध में आज कैबिनेट की बैठक में चर्चा की गई, लेकिन कोई निर्णय नहीं हो पाया। वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं, जिन्हें शामिल करते हुए निर्णय लिए जाएंगे।

26 दिसंबर को होगा निर्णय

बैठक के दौरान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने लव जिहाद के खिलाफ विधेयक का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा। जिसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसमें कुछ अन्य नए सुझाव जोड़े जाएंगे। क्योंकि इन दिनों इसे लेकर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव सामने आ रहे है, जिन पर विचार करना आवश्यक है। वहीं गृह मंत्री ने कहा कि 26 दिसंबर को फिर से धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को लेकर कैबिनेट की बैठक होनी है, जिसमें लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित विधेयक को लेकर फैसला किया जाएगा। साथ ही इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Assembly Winter Session) में पेश किया जाएगा।

 

प्रस्तावित विधेयक में शामिल बातें

  •  मतांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाह से पैदा हुए बच्चों को पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में अधिकार बरकरार रहेगा।
  •  यह अपराध गैर जमानती होगा।
  •  माता-पिता, भाई-बहन की शिकायत के अलावा न्यायालय की अनुमति से मत परिवर्तन करने वाले व्यक्ति से संबंधित (रक्त, विवाह, दत्तक ग्रहण, अभिरक्षा में हो) व्यक्ति की शिकायत पर जांच होगी।
  •  किसी भी व्यक्ति के अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक से पांच साल का कारावास एवं कम से कम 25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित करने का प्रविधान रखा गया है।
  •  नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्ति के साथ अधिनियम का उल्लंघन किए जाने पर दो से दस साल का कारावास एवं 50 हजार रुपये का अर्थदंड होगा।
  • अपना मत छुपाकर अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन से दस साल का कारावास एवं 50 हजार का अर्थदंड हो सकता है।
  •  मतांतरण करवाने वाले धर्म गुरु या जो व्यक्ति मतांतरण करवाएगा, उसके सूचना नहीं देने पर तीन से पांच साल का कारावास एवं पचास हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जा सकेगा।
  •  सामूहिक मतांतरण कराकर अधिनियम का उल्लंघन किए जाने पर पांच से दस साल के कारावास एवं एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया जा सकता है।
  • विवाह शून्य होने की स्थिति में महिला और उसके बच्चों को भरण पोषण का हक मिलेगा।

महत्वपूर्ण सुझाव पर विचार करेगी एमपी सरकार

कैबिनेट में प्रस्तावित विधेयकों पर चर्चा की गई। जिसमें जब लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित विधेयक 2020 आया तब कैबिनेट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी इसमें महत्वपूर्ण सुझाव आ रहे है, जिन पर विचार करना होगा। इसके पश्चात ही कोई निर्णय लिया जाएगा। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा मीडिया से कैबिनेट के फैसलों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग को केंद्र के समान दर्जा मिलेगा।

जांच के लिए हरियाणा जाएगी एमपी पुलिस

कैबिनेट में हरियाणा के झज्जर में दमोह के परिवार की बच्ची के साथ की गई दरिंदगी की वारदात को भी रखा गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संबंध में वे हरियाणा के मुख्यमंत्री से बात करेंगे। साथ ही मध्यप्रदेश पुलिस को हरियाणा जांच के लिए भेजा जाएगा।

कई विधेयकों को मिला अनुमोदन

आज हुई कैबिनेट की बैठक में तीन विधेयकों पर चर्चा हुई, जिसे अनुमोदन किया गया है। मंत्री परिषद ने विधानसभा में प्रस्तुत विधेयकों में से तीन को संशोधित करने की अनुमति दी है। जिसमें विश्वविद्यालयों मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल, पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल और डॉक्टर बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू के अधिनियम में प्रति कुलपति पद के प्रावधान के लिए संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी मिली है।

  •  मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन संशोधन विधेयक 2020
  •  मध्य प्रदेश सिंचाई प्रबंधन में कृषकों की भागीदारी संशोधन विधेयक 2020,
  •  मध्य प्रदेश मोटर स्प्रिट उपकर संशोधन विधेयक 2020
  •  मध्य प्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर संशोधन विधेयक 2020
  •  मध्य प्रदेश कराधान अधिनियम की पुरानी बकाया राशि का समाधान विधेयक 2020 को विधानसभा में फिर से स्थापित कराने के लिए अनुमोदन मिला है।

दंड विधि मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक 2020

मध्य प्रदेश में मिलावटखोरी को लेकर राज्य में खाद्य और दबाव का अनुसरण को रोकने और मिलावटकर्ता को दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा को बंद करने के संबंध में मंत्रिपरिषद ने विधानसभा में दंड विधि मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक 2020 को प्रस्तुत करने के लिए अनुमोदन किया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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