छतरपुर, संजय अवस्थी। अपने घरों से लापता नाबालिग लड़के-लड़कियों को तलाशने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर 6 जनवरी से 31 जनवरी तक चले मुस्कान अभियान के अंतर्गत छतरपुर पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा के निर्देशन में जिले की पुलिस टीम ने शानदार सफलता हासिल की है। पुलिस ने महज 25 दिनों में 8-10 साल से 108 लापता नाबालिगों को बरामद करने में सफलता हासिल की है। जिन लोगों को दस्तयाब किया गया है उनमें 102 लड़कियां और 6 लड़के शामिल है। जब ये लोग घरों से लापता हुए थे तब इनकी उम्र 18 साल से कम थी लेकिन अब ज्यादातर बालिग हो चुके हैं।
पुलिस ने इस अभियान के अंतर्गत जिला स्तर पर एक समीक्षा समिति कर जिला स्तरीय समिति गठित की थी जो ब्लाक स्तर पर बनाई गई टीमों की नियमित मॉनीटरिंग करती रही। जिले के लगभग डेढ़ दर्जन थाना क्षेत्रों से वर्ष 2011 से लापता 416 नाबालिग बालक-बालिकाओं की तलाश के लिए चलाए गए इस अभियान के अंतर्गत सिर्फ 25 दिनों में ही 108 बालक-बालिकाओं को खोजा गया, जबकि पूरे साल में कुल 216 बालक-बालिकाओं को पुलिस ने खोज निकाला। मुस्कान अभियान के अंतर्गत पुलिस द्वारा दिखाई गई इस सक्रियता के चलते लगभग 45 फीसदी मामले सिर्फ 25 दिनों में ही निराकृत कर दिए गए।
देश भर से खोजी गईं लापता लड़कियां
मुस्कान अभियान के अंतर्गत पुलिस ने उप्र, दिल्ली, हिमाचल, गुजरात, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, झारखण्ड, चंडीगढ़, नोएडा, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित मप्र के ही कई शहरों में मौजूद लापता और अपहृत 102 लड़कियों को खोज लिया। इसके अलावा 6 लड़कों को भी पुलिस ने बरामद किया है। सबसे दिलचस्प मामला पिपट थाना क्षेत्र से सामने आया था। पिपट पुलिस ने एक 15 वर्षीय लापता लड़की की तलाश करते हुए उसे पाकिस्तान बॉर्डर से सटे जम्मू कश्मीर के अरनिया जिला अंतर्गत ग्राम ब्यासपुर से खोज लिया था। लड़की एक लड़के के साथ रह रही थी और तीन माह की गर्भवती भी थी। इस अभियान के अंतर्गत बक्स्वाहा, भगवां पुलिस ने दो-दो, खजुराहो, गुलगंज, बमीठा, कोतवाली छतरपुर, सिविल लाइन, ओरछा रोड, सरवई, बमनौरा, महाराजपुर, गौरिहार, राजनगर पुलिस ने एक-एक, नौगांव, हरपालपुर, जुझारनगर ने 3-3, चंदला पुलिस ने 4, लवकुशनगर ने 5 विशेष मामलों में लापता और अपहृत लड़के-लड़कियों की तलाश की।
इस तरह खोजे गए लापता लोग
पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि अभियान के अंतर्गत लापता और अपहृत लोगों की तलाश के लिए पुलिस ने गुमशुदा के आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, संपर्क में आए लोगों के मोबाइल नंबर, एटीएम केवाईसी, ऑनलाइन मनी ट्रांसफर रिकार्ड, बैंक अकाउंट रिकार्ड के आधार पर पड़ताल शुरू की। इसके अलावा पुलिस ने परिजनों, पड़ोसियों और मुखबिरों के माध्यम से लापता लोगों की खोजबीन शुरू की तब जाकर ये कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस अधीक्षक ने जिले की टीम द्वारा किए गए शानदार प्रदर्शन की सराहना की है।