Bribe : विभागीय जाँच से बचाने सहायक समिति प्रबंधक से मांगी रिश्वत, लोकायुक्त ने सहकारिता निरीक्षक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया

जैसे ही आवेदक अरविंद ने रिश्वत की राशि सहकारिता निरीक्षक नमामि शंकर अग्रवाल के हाथ में दी वैसे ही इशारा मिलते ही बाहर डीएसपी मंजू सिंह के नेतृत्व में खड़ी सागर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने धावा बोल दिया और रिश्वत की राशि के साथ सहकारिता निरीक्षक नमामि शंकर अग्रवाल  को रंगे हथ पकड़ लिया।

Atul Saxena
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Bribe News : लोकायुक्त पुलिस ने एक बार बार फिर एक रिश्वतखोर शासकीय सेवक को घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है, ये अधिकारी अपने अधीनस्थ से उसकी विभागीय जाँच में सहयोग करने और उसे बचाने के बदले रिश्वत ले रहा था, शिकायत के बाद लोकायुक्त ने रिश्वत की राशि  के साथ अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया।

Bribe : विभागीय जाँच से बचाने सहायक समिति प्रबंधक से मांगी रिश्वत, लोकायुक्त ने सहकारिता निरीक्षक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया

DE से बहाल करने मांगी 20,000 रुपये की रिश्वत   

सागर लोकायुक्त एसपी योगेश्वर शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक छतरपुर जिले की तहसील बक्सवाहा के रहने वाले अरविंद कुमार व्यास सहकारी सेवा समिति बम्होरी में सहायक समिति प्रबंधक के पद पर तैनात हैं, उन्होंने के आवेदन दिया कि उनके विरुद्ध एक विभागीय जाँच चल रही है, इस जाँच में सहयोग करने और उन्हें बहाल करने के बदले उनके ही सहकारिता निरीक्षक एवं प्रशासक नमामि शंकर अग्रवाल 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे हैं।

लोकायुक्त ने सहकारिता निरीक्षक के घर पर मारा छापा 

शिकायत मिलने के बाद इसकी जाँच की गई और आवेदक को सहकारिता निरीक्षक से रिश्वत की डिमांड का प्रूफ जुटाने के लिए रिकॉर्डर दिया, प्रूफ सामने आते है सागर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने ट्रेप की प्लानिंग की और आज 15 अप्रैल को सहकारिता निरीक्षक नमामि शंकर अग्रवाल द्वारा बुलाये समय पर उनके चौबे कालोनी छतरपुर निज निवास पर पहुंच गई।

रिश्वत लेते सहकारिता निरीक्षक गिरफ्तार 

टीम बाहर छिप गई और आवेदक अरविंद कुमार व्यास को रिश्वत की राशि 20 हजार रुपये के साथ घर के अन्दर भेजा , जैसे ही अरविंद ने रिश्वत की राशि सहकारिता निरीक्षक नमामि शंकर अग्रवाल के हाथ में दी वैसे ही इशारा मिलते ही बाहर डीएसपी मंजू सिंह के नेतृत्व में खड़ी सागर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने धावा बोल दिया और रिश्वत की राशि के साथ सहकारिता निरीक्षक नमामि शंकर अग्रवाल  को रंगे हथ पकड़ लिया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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