केन नदी का अस्तित्व खतरे में, मुख्यधारा को रोककर हो रहा रेत उत्खनन

छतरपुर, संजय अवस्थी। जिले में रेत उत्खनन का ठेका शासन ने आनंदेश्वर फूड एग्रो कंपनी को दिया है। इस कंपनी ने सैकड़ों पेटी कांट्रेक्टर पैदा कर दिए हैं। ये पेटी कांट्रेक्टर रेत का उत्खनन जिस तरह से शासन की गाइड लाइन को दरकिनार करके कर रहे हैं, इससे छतरपुर, पन्ना और बांदा जिले की जीवनरेखा केन नदी (Cane River) का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है।

चंदला से लेकर गौरिहार के रामपुर घाट तक नदी में सैकड़ों जगह 300-300 फीट गहरे गड्ढे बना दिए गए हैं और केन नदी की मुख्यधारा रोककर भी खनन हो रहा है। रेत खनन में खुलकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की गाइड लाइन की अनदेखी अधिकारियों द्वारा की जा रही है। केन एक ऐसी नदी है जिस पर एक भी उद्योग स्थापित नहीं है। पन्ना नेशनल पार्क से गुजरने वाली इन नदी का पानी पूरी तरह से शुद्ध है और देश की सबसे पवित्र नदियों में शामिल है, लेकिन जिस तरह से नदी को तबाह किया जा रहा है इससे यहां जलीय जीवों का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।