छतरपुर, संजय अवस्थी। महाराष्ट्र (Maharashtra) के परभणी (Parbhani) जिले के पिपरी गांव में बंधुआ मजदूर (Bonded Worker) बनाए गए बक्स्वाहा (Bakswaha) इलाके के 42 मजदूरों को पुलिस की टीम ने छुड़ा लिया है। पुलिस की टीम पूरणा जंक्शन (Poorna Janction) से छुड़ाए गए मजदूरों को लेकर बीना(Bina) के लिए रवाना हुई है।
जानकारी के अनुसार अधिक मजदूरी का लालच देकर ठेकेदार के दो दलाल बहला-फुसलाकर आदिवासियों को अपने साथ ले गए और ठेकेदार के हाथ मजदूरों को बेच दिया। आदिवासी परिवारों के ऊपर आयी मुसीबत की सूचना समाजसेवियों के माध्यम से पुलिस तक पहुंची। एसपी (SP) ने मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से मुक्त कराने के लिए एक टीम गठित की और टीम 42 मजदूरों को मुक्त कराकर वापस ले आयी।
समाजसेवी की शिकायत पर हुई कार्रवाई
गत 14 फरवरी को बाजना थाना के निमानी गांव निवासी रमदीना आदिवासी (Ramdeena Adivasi) ने समाजसेवी मनीष जैन के माध्यम से थाने में शिकायत देकर बताया था कि उसके परिवार समेत 40 से अधिक मजदूरों को महाराष्ट्र में बंधक बनाया गया है। जिसके बाद पुलिस की टीम ने महाराष्ट्र जाकर बंधकों को बुधवार को मुक्त करा लिया। बक्स्वाहा थाना प्रभारी ने मजदूरों को बंधक बनाए जाने की शिकायत पर सबसे पहले दलाली करने वाले प्यारेलाल सौंर को पकड़ा और उससे पूछताछ करने के बाद बंधक बनाए गए स्थान पर जाकर कार्यवाही की। बताया जाता है कि राजू पवार मजदूरों को हैण्डओवर करने के बाद पैसे लेकर भाग गया है। लालघाटी के 17, शहपुरा के 12, वीरमपुरा के 9 व निमानी तथा तिलई के दो-दो मजदूर बंधक बनाए गए थे।
आधी रात को चला रेस्क्यू ऑपरेशन
बक्स्वाहा थाना प्रभारी आशुतोष श्रोत्रीय व उनकी टीम मंगलवार को महाराष्ट्र के पिपरी (Pipari) गांव पहुंची और स्थानीय पुलिस टीम की मदद से रात 2.30 बजे दबिश देकर बंधुआ बनाए गए मजदूरों को मुक्त कराया। छुड़ाए गए मजदूरों ने बताया कि डेढ महीने से बिना मजदूरी दिए काम कराया जा रहा है। पिछले 4 दिनों से खाना व पानी तक नहीं दिया। यहां तक की परिवार के साथ आए बच्चों को भी भूखा रहना पड़ता था। वापस जाने की बात पर मजदूरों को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी।
ऐसे दलालों के चंगुल में फंसे आदिवासी मजदूर
समाजसेवी मनीष जैन ने बताया कि निवार निवासी प्यारेलाल सौंर व विनेदा निवासी नन्हे भाई ने करीला माता के पास काम करने के बदले प्रति सदस्य को 400 रूपए प्रतिदिन मजदूरी देने का लालच दिया और इसी लालच में आकर 37 मजदूर अपने परिवार सहित दलालों के साथ मजदूरी करने निकल पड़े। दलाल राजू पवार नाम के ठेकेदार के पास मजदूरों को उसके हवाले कर दिया। महाराष्ट्र के परभणी जिला अंतर्गत ग्राम पिपरी में गन्ने की खेती के लिए इन मजदूरों को लगाया गया था। मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार ने उन्हें जून तक के लिए संबंधित व्यक्ति के हवाले किया था। 45 दिन काम करने के बाद भी उन्हें एक फूटी कौड़ी नहीं मिली।