छिंदवाड़ा, विनय जोशी। छिंदवाड़ा (chhindwara) के गांव खुर्द में पुश्तैनी रास्ते (ancestral road) को लेकर ग्रमीणों का विवाद (dispute) हो गया। इसमें दो गुट शामिल थे। मामला इतना बढ़ गया कि दोनों ही पक्ष थाने की शरण मे पहुंच गए। पुलिस ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर मामला जांच पर ले लिया। इतना ही नहीं एक पक्ष ने एसडीएम (sdm) को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार की। उसी पक्ष ने पुश्तैनी रास्ते के दोनों ओर लगे वर्षो पुराने पेड़ को जमींदोह कर दिया जिससे दूसरा पक्ष उस रास्ते को पुश्तैनी सिद्ध न कर सके। विवाद उस समय बढ़ गया जब बरसात के कारण गड्ढे को भरने के लिए उस रास्ते मे मिट्टी डाली जा रही थी।
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मामला परासिया विधानसभा के छाबड़ी खुर्द ग्रामपंचायत का है जहाँ पुश्तैनी रास्ते को लेकर ग्रामीण आपस मे भिड़ गए। दोनों ही पक्ष उस रास्ते को लेकर अलग-अलग दावे कर रहे है। गांव में रहने वाले बुजुर्ग बताते है की मेरी उम्र 85 वर्ष की है। मैंने उम्र भर में जाना है कि ये रास्ता पुश्तैनी है। इस रास्ते से 50- 60 किसानों का वर्षों से आना जाना है क्योंकि उन की जमीन पर जाने का एक मात्र यही रास्ता है।
गांव में रहने वाले ग्रामीण ने बताया कि वर्षों पहले मेरे बुजुर्गों ने जमीन बेची थी पर रास्ता नहीं बेचा था। इस रास्ते में वर्षो से लोगो का आना जाना है जो पक्ष उस रास्ते पर दावा कर रहा है वह गलत है। वे बात सही है कि हमारे बुजुर्गों ने किसानों की सुविधा के लिए जमीन दी होगी जब जमीन बेची तो रास्ता नही बेचा होगा ।
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छाबड़ी खुर्द ग्रामपंचायत के सरपंच पति जयपाल ने बताया कि ये बात सही है यह रास्ता पुश्तेनी है। सरकारी रिकार्ड में इस रास्ते का उल्लेख है पर यह उल्लेख आधा-अधूरा है।हो सकता है सरकारी रिकॉर्ड पर पूरे रास्ते को नहीं दर्शाया गया हो पर ये बात भी सही है कि वर्षों से किसानों का आवा-गमन के साथ ट्रैक्टरों का भी रास्ता यही है ।