MP Breaking News

Welcome

Sat, Dec 6, 2025

जहरीला कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर जी. रंगनाथन को पुलिस ने किया गिरफ्तार, तीन दिनों से तमिलनाडु में थी एमपी पुलिस

Written by:Rishabh Namdev
कोल्ड्रिफ कफ सिरप की जांच में मध्य प्रदेश पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है। दरअसल, जहरीला कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर जी. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसे चेन्नई से गिरफ्तार किया है। बता दें कि पुलिस की ओर से जानकारी देने वाले को ₹20,000 का इनाम देने का ऐलान किया गया है।
जहरीला कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर जी. रंगनाथन को पुलिस ने किया गिरफ्तार, तीन दिनों से तमिलनाडु में थी एमपी पुलिस

मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर जी. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया है। वहीं अब मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा दवा कंपनी के मालिक रंगनाथन से पूछताछ की जा रही है। बता दें कि छिंदवाड़ा पुलिस द्वारा रंगनाथन की गिरफ्तारी पर ₹20,000 का इनाम घोषित किया गया था।

इस मामले को लेकर एक विशेष टीम गठित की गई थी और सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखने की बात कही गई थी। छिंदवाड़ा पुलिस ने घोषणा की थी कि जो कोई कंपनी के मालिक की सूचना देगा, उसे इनाम के तौर पर ₹20,000 दिए जाएंगे।

तीन दिनों से एमपी पुलिस तमिलनाडु में थी

इसकी जानकारी छिंदवाड़ा पुलिस द्वारा एक प्रेस नोट में दी गई थी। कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के लिए तीन दिनों से एमपी पुलिस तमिलनाडु में थी। आखिरकार रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया है। अब हिरासत में लेने के बाद एमपी पुलिस द्वारा ट्रांजिट रिमांड पर लेने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, एमपी से 7 सदस्यीय टीम तमिलनाडु पहुंची थी, जहां बुधवार को तमिलनाडु के कांचीपुरम में श्रीसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर की फैक्ट्री और रजिस्टर्ड ऑफिस पर छापेमारी की गई थी।

फैक्ट्री को भी सील कर दिया गया था

स्पेशल टीम की इस छापेमारी के दौरान फैक्ट्री से सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेज जब्त किए गए थे और फैक्ट्री को भी सील कर दिया गया था। लेकिन रविवार से ही श्रीसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर का मालिक रंगनाथन फरार हो गया था। आखिरकार अब मध्य प्रदेश पुलिस को उसे पकड़ने में सफलता मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच के दौरान कंपनी के मालिक ने मौखिक रूप से यह स्वीकार किया है कि उसने दो बार में प्रोपिलीन ग्लाइकोल के 50 किलो के दो बैग खरीदे थे। इससे साफ होता है कि कंपनी की ओर से 100 किलो जहरीला केमिकल खरीदा गया था। हालांकि जांच में इसका कोई बिल नहीं मिला है और न ही इसकी एंट्री बुक में दर्ज की गई है। पूछताछ के बाद अधिकारियों को यह जानकारी मिली है कि इसका भुगतान कभी नकद और कभी गूगल पे से किया गया था।