छिंदवाड़ा महापौर को पद से हटाने का नोटिस, 15 दिन में मांगा जवाब

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भोपाल। राज्य सरकार ने छिन्दवाड़ा नगरपालिक निगम की महापौर श्रीमती कांता योगेश सदारंग को अनियमितताओं के आरोप पर आर्थिक क्षति की वसूली और महापौर पद से पृथक करने के संबंध में कारण बताओ दिया गया है। ऐसे में अब महापौर का पद बचाये रखना श्रीमती सदारंग के लिये बड़ी चुनौती बन गया है।

यह नोटिस महापौर द्वारा मप्र नगर पालिक निगम की धाराओं में महापौर को दी गयी शक्तियों तथा निहित  कर्तव्य का पालन नहीं किये जाने पर दिया गया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा दिये गये नोटिस में नोटिस प्राप्ति के 15 दिन में जवाब नहीं मिलने पर एकपक्षीय कार्यवाही करने का उल्लेख किया गया है। यहां बता दें कि छिन्दवाड़ा नगरपालिक निगम के वित्तीय प्रबंधन, नवीन लेखा नियम के अनुपालन, भारत सरकार तथा राज्य सरकार की राशि का सही क्रियान्वयन, परिषद तथा महापौर परिषद के संचालन की वैधानिक प्रक्रिया और मप्र नगरपालिक निगम अधिनियम के प्रावधानों के सही क्रियान्वयन के निरीक्षण के लिये 3 सदस्यीय दल गठित किया गया था। इस मामले में निरीक्षण दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में उल्लेखित अनियमितताओं के आधार पर महापौर श्रीमती सदारंग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दल की रिपोर्ट में नगर निगम परिषद का सम्मेलन निर्धारित 2 माह के समय में नहीं करवाने और पालिका बाजार के 12 एवं इतवारी बाजार के 17 दुकानदारों को उनके सामने के बरामदे आवंटन में अनियमितता के लिये महापौर को उत्तरदायी पाया गया है। एेसे में यह मामला आर्थिक अनियमितताओं से भी जुड़ा है।


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