छिंदवाड़ा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा उपचुनाव और उनके बेटे नकुलनाथ लोकसभा चुनाव के लिए आगामी नौ अप्रैल को नामांकम दाखिल करेंगें। इस दिन छिंदवाड़ा में वे एक जनसभा संबोधित कर रोड शो करेंगे। यह पहला मौका होगा जब पिता-पुत्र एक ही जगह से दो अलग अलग चुनाव लड़ेंगें। मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ आज से छिंदवाड़ा के चार दिवसीय दौरे पर रहेंगे। वे नौ तारीख को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।उनके साथ बेटे नकुलनाथ भी नामांकन भरेंगें। नामांकन के पहले दोनों पिता-पुत्र लगातार छिंदवाड़ा क्षेत्र मे सक्रियता बढ़ाए हुए है। वही बीजेपी ने यहां से अभी तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान नही किया है।
दरअसल, 29 अप्रैल को छिंदवाड़ा में चुनाव होना है। मध्यप्रदेश में पहली चरण की वोटिंग के लिए नामांकन की प्रक्रिया दो अप्रैल से शुरु हो चुकी है, जो नौ अप्रैल तक चलेगी। कमलनाथ यहां से नौ बार सासंद रह चुके है। विधानसभा चुनाव लड़ने के चलते पार्टी ने छिंदवाड़ा से नकुलनाथ को लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया है।दोनों पिता-पुत्र का यह पहला चुनाव है। जहां कमलनाथ पहली बार विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे है, वे विधानसभा का सदस्य बनने के लिए उपचुनाव लड़ेंगें। उनके लिए कांग्रेस नेता दीपक सक्सेना ने अपनी सीट खाली की है। नियमों के अनुसार, सीएम बनने के बाद छह महिने के अंदर विधानसभा का सदस्य होना अनिवार्य है। वही नकुल पहली बार पिता की जगह लोकसभा चुनाव लड़ेंगें ।
कमलनाथ बेटे को दे सकेंगें वोट लेकिन नकुल नही
कमलनाथ यहां से नौ बार सांसद रहे है और अब बेटे औऱ खुद के लिए वोट की लोगों से अपील कर रहे है। दोनों एक साथ सभाएं और दौरे कर रहे है। खास बात ये कि कमलनाथ अपने बेटे नकुल को वोट दे पाएंगें, लेकिन नकुल अपने पिता कमलनाथ को वोट नही कर पाएंगें।इसके पीछे वजह यह है कि कमलनाथ का निवास शिकारपुर छिंदवाड़ा शहर के समीप ही है, लेकिन तकनीकी रूप से वह सौंसर विधानसभा के दायरे में आता है। इसलिए कमलनाथ और उनका परिवार सौंसर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं, जबकि कमलनाथ स्वयं छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी हैं। इस तरह कमलनाथ स्वयं अपने लिए भी वोट नहीं दे पाएंगे और नकुल भी उन्हें वोट नहीं कर पाएंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए कमलनाथ अपने पुत्र कांग्रेस प्रत्याशी नकुल को जरूर वोट दे सकेंगे।
विधानसभा में सातों सीटों पर रहा कांग्रेस का कब्जा
छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र की सातों विधानसभा सीट पर करीब साढ़े तीन महीने पहले हुए चुनाव में कांग्रेस का परचम लहराया था। इसलिए कांग्रेस यहां पूरी तरह आत्मविश्वास से लबरेज है।छिंदवाड़ा में एक नारा काफी चर्चित रहा है- ‘कमलनाथ एक आंधी है, छिंदवाड़ा का गांधी है’। कमलनाथ छिंदवाड़ा को रोल मॉडल के रूप में पेश करते हैं, विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने कहा था कि पूरे प्रदेश में छिंदवाड़ा मॉडल लागू करेंगे। छिंदवाड़ा शहर की सीट से विजयी हुए दीपक सक्सेना ने इस्तीफा देकर कमलनाथ के लिए अपनी सीट खाली की है।