चीनी कंपनी Eco Green ने की सवा करोड़ की धोखाधड़ी, इंडिया हेड सहित तीन पर FIR

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के साथ शहर के कचरा कलेक्शन का ठेका लेने वाली चीन की कंपनी ईको ग्रीन (Eco Green) पांच फर्मों के साथ करीब सवा करोड़ की धोखाधड़ी कर फरार हो गई। फर्म के संचालकों ने गुरुग्राम स्थित मुख्यालय पर  कई बार फोन किये, चक्कर लगाए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। बाद में परेशान फर्म संचालकों ने विश्व विद्यालय थाने में मामला दर्ज कराया है।  पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर  ईको ग्रीन (Eco Green) के इंडिया हेड, सीईओ और एकाउंटेंट के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

ईको ग्रीन (Eco Green) कंपनी ने ग्वालियर शहर से कचरा कलेक्शन का ठेका लिया था।  नगर निगम से अनुबंध करने के बाद ईको ग्रीन (Eco Green)  कंपनी ने तीन ठेकेदारों से कॉन्टेक्ट किया और उनसे पोकलेन मशीन, गाड़ियां, डम्पर, जेसीबी मशीन आदि किराये पर लेकर अनुबंध किया और दो पेट्रोल पम्प से पेट्रोल भरवाने का कॉन्ट्रेक्ट किया।  ईको ग्रीन (Eco Green) की लापरवाहियां उजागर होने नगर निगम ने कई बार ईको ग्रीन को नोटिस दिए, नगर निगम परिषद ने ठेका निरस्त करने के निर्देश भी दिए लेकिन तत्कालीन कमिश्नर ने कंपनी के अफसरों को समझाइश देकर काम जारी रखा।

लेकिन जब कंपनी ने काम में सुधार नहीं किया तो नगर निगम ने उससे अपना अनुबंध ख़त्म कर लिया। इस बीच कंपनी के साथ जुड़े ग्वालियर के ठेकेदारों ने उससे अपना भुगतान करने के लिए कहा तो कंपनी के अधिकारी भरोसा देते रहे लेकिन भुगतान नहीं किया और अचानक सामन समेटकर गायब हो गए।  ठेकेदारों को जब पता चला तो उन्होंने ईको ग्रीन (Eco Green) कंपनी के मुख्यालय गुरुग्राम से संपर्क किया फोन लगाए जाकर संपर्क किया लेकिन भुगतान नहीं हुआ।  इस बीच एक ठेकेदार गुरुग्राम चक्कर काटने के चलते कोरोना की चपेट में आ गए और इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई।

जब ठेकेदारों को ये उम्मीद ख़त्म हो गई की भुगतान नहीं होगा और समझ आगया कि ईको ग्रीन के अफसर भुगतान करने में आनाकानी कर रहे है तो उन्होंने विश्व विद्यालय थाने में ईको ग्रीन (Eco Green) के इंडिया हेड (डायरेक्टर) संजय शर्मा, सीईओ गुरविंदर सिंह, एकाउंटेंट जुगनेश जग्गा के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है। एडिशनल एसपी (आईपीएस) हितिका वासल के मुताबिक पीड़ितों ने 1 करोड़ 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी बताई है।  मामला दर्ज कर जाँच में ले लिया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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