भोपाल डेस्क रिपोर्ट। लघु उद्योग निगम के माध्यम से कृषि विभाग में उपकरणों की सप्लाई के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का मामला ईओडब्ल्यू में पहुंच गया है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर लघु उद्योग निगम से मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं।
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23 जुलाई 2021 को मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम ने बोली संख्या 21035 ए के द्वारा किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाई जा रही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए मिट्टी परीक्षण उपकरणों की आपूर्ति हेतु निविदा आमंत्रित करने का नोटिस जारी किया था। इसमें लघु उद्योग निगम ने हलफनामे के माध्यम से दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियां यानी मूल कैटलॉग और एनएबीएल प्रमाण पत्र मांगा था। इस मामले में शिकायत की गई कि मेसर्स आदित्य ट्रेडिंग इंदौर ने गलत तरीके से कैडलॉक और एनएबीएल लगा दिए और कई ऐसे दस्तावेजों को भी शामिल कर दिया जो चीनी निर्माताओं से संबंधित उत्पादों में दिखाई जाते हैं। इसके साथ हीइसके साथ ही मैसेज विजय सेल्स भोपाल नाम की कंपनी के द्वारा भी स्पेक्ट्रोफोटोमीटर की सूची जो किसी अन्य कंपनी से संबंधित है, के दस्तावेज जमा कर दिए गए हैं।
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अंबाला की कंपनी हंसराज साइंटिफिक वर्क्स ने भी कूट रचित कैटलॉग प्रस्तुत किया है जो चेन्नई की एक कंपनी का कॉपीराइट है। इस शिकायत को सभी दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री व अन्य एजेन्सियो को भेजा गया था और धोखाधड़ी के इरादे से गुमराह करने और फर्जी दस्तावेज बनाने का अपराध बनाने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी। अब इस मामले में राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो यानी EOW की एंट्री हो गई है। यह EOW ने इस मामले में शिकायत दर्ज की है और आईएएस विशेष गढ़पाले, जो मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम के प्रबंध निदेशक है,को पत्र लिखकर कुछ दस्तावेजों की मांग की है। पत्र में लिखा गया है कि मैसेज आदित्य ट्रेडिंग इंदौर विजय सेल्स भोपाल ,मेसर्स हंसराज साइंटिफिक वर्क्स द्वारा कूट रचित प्रमाण पत्र व कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग किया गया है। यह दस्तावेज परीक्षण के बाद प्रथम दृष्टया कूट रचित प्रतीत होते हैं। एसपी EOW के पत्र में यह भी लिखा है कि इन दस्तावेजों की जांच से लगता है कि निविदा प्रक्रिया में भाग लेने वाले निविदाकर्ता चीन के यंत्रों को भारत में उत्पादित यंत्रों के रूप में प्रस्तुत कर अपने कैडलॉक में प्रदर्शित कर राज्य शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने का काम कर रही हैं। लघु उद्योग निगम के एमडी से 21 दिसंबर तक इस मामले से जुड़े गए दस्तावेज मंगाए गए हैं जिसके बाद आगे कार्रवाई होगी।