पुरानी पेंशन योजना : समर्थन में विधायकों का शतक, सरकार ले सकती है बड़ा फैसला!

भोपाल, गौरव शर्मा। मध्यप्रदेश मे पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग और तेज हो गई है। कांग्रेस के 96 विधायक इस मांग के समर्थन में लामबंद हो चुके हैं वहीं बीजेपी के कुछ विधायकों ने भी इस मांग को लेकर सरकार के सामने गुहार लगाई है। ऐसी स्थिति में सरकार जल्द इस मामले में बड़ा फैसला ले सकती है।

यह भी पढ़ें…शासन की बड़ी तैयारी, MP अधिकारी-कर्मचारियों को इस तरह मिलेगा लाभ, गठित होगी समिति

राजस्थान की सरकार द्वारा 2005 के पहले चल रही पेंशन योजना को शुरू करने और 2005 के समय शुरू की गई नई पेंशन योजना को बंद करने के बाद अब मध्य प्रदेश में भी अधिकारी- कर्मचारी इस मांग के समर्थन में पुरजोर तरीके से उतर आए हैं। तर्क दिया जा रहा है कि पुरानी पेंशन योजना सामाजिक सरोकार से जुड़ी हुई थी और सरकार का कर्तव्य है कि वह बुढ़ापे में अपने अधिकारी- कर्मचारियों के हितों की रक्षा करें। जबकि नई पेंशन योजना में ऐसा कुछ भी नहीं है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।