ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कृषि कानूनों (Agricultural Laws) पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बावजूदकृषि कानूनों (Agricultural Laws) को वापस लेने की मांग पर अड़े आंदोलनकारी किसानों (Farmers) का समर्थन कर रहे राजनैतिक संगठन भी आंदोलन पर हैं। आंदोलनकारी संगठनों ने इसी क्रम में आज ग्वालियर में कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई।
ग्वालियर में फूलबाग चौराहे पर 1 जनवरी से जारी मार्क्सवादी पार्टी (CPIM)के धरना आंदोलन में शामिल नेताओं ने आज चौराहे पर कृषि कानूनों (Agricultural Laws) की प्रतियां जलाई। माकपा नेता अखिलेश यादव ने इस मौके पर बताया कि आज ग्वालियर में 150 गांवों में किसानों ने काले कानूनों की प्रतियां जलाई हैं। उन्होंने कहा कि जब तक ये कानून वापस नहीं होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
माकपा नेता ने उनके चरणबद्ध आंदोलन की जानकारी देते हुए बताया कि 18 जनवरी को इसी धरना स्थल पर महिला किसानों का सम्मेलन होगा। जिसमें 1000 महिला किसान शामिल होंगी। उसके बाद 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर नेताजी के नारे तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा के साथ सैकड़ों युवा यहाँ रक्तदान करेंगे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर जिले के हजारों किसान शहर की सड़कों पर हाथों में तिरंगा लेकर पर ट्रैक्टर परेड करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा।