Dabra News : खतरों का सफर, सड़कों पर दौड़ रही अनफिट बसें, हादसों को दे रही न्यौता

चौराहे पर पुलिस आरक्षक भी तैनात रहते हैं। उसके बाद भी इन बसों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। ऐसे में आरटीओ विभाग कि इस लापरवाही के कारण अगर कोई हादसा होता है तो आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन होगा?

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Dabra News : मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में सडक़ों पर अनफिट बसें दौड़ रही है। इन बसों में बैठकर यात्री खतरों का सफर कर रहे हैं। गुना में हादसे के बाद प्रदेशभर में बसों का चेकिंग अभियान चलाया गया था, लेकिन कुछ दिनों में वह भी बंद हो गया। अब शहर में ओवरलोड सवारियां भरकर डबरा तहसील परिसर, एसडीओपी कार्यालय, सिटी थाने के पास से बस गुजर रही हैं। जबकि इनमें कई बसें ऐसी चल रही हैं जो सडक़ों पर चलने लायक नहीं है। मगर जिम्मेदार इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है जो सीधे-सीधे हादसों को न्यौता दे रही हैं।

क्या है पूरा मामला

आए दिन सड़क हादसे दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिसमें सजग और सतर्कता बहुत अनिवार्य हो गया है। ऐसे में देखा जाए तो कहीं ना कहीं प्रशासन भी इन मामलों को लेकर लापरवाह नजर आ रहा है। क्योंकि अनुभाग में कई ऐसे मामले देखने को मिल जाते हैं जिसमें कितनी ही बसें अनफिट और कंडम चल रहीं हैं जिनकी कोई फिटनेस और पूर्णतया आरटीओ विभाग से कागजी करवाई नहीं है। उसके बाद भी यह बसें ओवरलोड सवारियां भरकर सड़कों पर फर्राटे भर रहीं हैं। इसके बावजूद भी आरटीओ विभाग और स्थानीय प्रशासन इन पर कोई नियमित कार्रवाई नहीं करता, ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि ग्वालियर से होते हुए डबरा तहसील परिसर के सामने से निकालकर एसडीओपी कार्यालय, सिटी थाने के पास से गुजरती है। जहां चौराहे पर पुलिस आरक्षक भी तैनात रहते हैं। उसके बाद भी इन बसों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। ऐसे में आरटीओ विभाग कि इस लापरवाही के कारण अगर कोई हादसा होता है तो आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन होगा? क्योंकि ऐसी कई घटनाएं प्रदेश में पहले भी कई बार सामने आ चुकीं हैं, जिसमें कई लोग ओवरलोड बसों के कारण सड़क हादसों में अपनी जान गवा बैठे हैं। इसके बाद भी शासन प्रशासन आंख बंद करके बैठा हुआ है। क्योंकि स्थानीय प्रशासन और आरटीओ विभाग अगर नियमित इन बसों की जांच करें। तो शायद ऐसे बस चालक अपनी हरकतें सुधार लें। लेकिन कहीं ना कहीं प्रशासनिक लापरवाही के कारण इन बस चालकों के हौसले बुलंद हैं।

वहीं इस मामले को लेकर डबरा सिटी थाना प्रभारी यशवंत गोयल ने बताया कि ऐसे मामले अगर उनके संज्ञान में आते हैं या फिर थाने के सामने से ऐसी ओवरलोड बसें निकलती दिखाई पड़ती है तो उन पर निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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