Dabra News : अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास में मासूम बच्चियों का हो रहा है शोषण, जनसुनवाई में एसडीएम से की शिकायत

Dabra News : एक और जहां शिवराज सरकार कन्याओं और छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए इतना कुछ कर रही है वही जमीनी स्तर पर देखा जाए तो छात्राओं के साथ हॉस्टलों में एक नौकरों की तरह बर्ताव किया जाता है ऐसा ही एक मामला डबरा के एक अनुसूचित जनजाति के कन्या छात्रावास का सामने आया है जिसमें छोटी-छोटी मासूम बच्चियों से वार्डन और अन्य मौजूद स्टाफ के द्वारा श्रम कार्य कराकर उनका शोषण किया जा रहा है इन समस्याओं से परेशान होकर मासूम छात्राएं डबरा एसडीएम के समक्ष अपना शिकायती आवेदन लेकर पहुंचीं।

यह है मामला

वही इन अत्याचारों से पीड़ित छात्राओं ने बताया वह रामगढ़ रोड स्थित सब्जी मंडी के पास बने एक छात्रावास में रहती हैं जहां पर उनके मां-बाप ने उन्हें पढ़ने के लिए भेजा है लेकिन वहां मौजूद स्टाफ वार्डन विमला जाटव और कुसमा जाटव उनके साथ बुरा बर्ताव करती हैं और बड़ी बात तो यह है किछात्रावास की अधीक्षक यह सब होने के बाद भी इस मामले पर कोई एक्शन नहीं ले रहीं हैं छात्राओं ने बताया उनसे खाना बनवाया जाता है और छात्रावास की साफ-सफाई और झाड़ू पोछा करवाया जाता है साथ ही छात्रावास के स्टाफ द्वारा उनसे साड़ी और कंगन की मांग की जाती है और तो और उन्हें छात्रावास में उन्हें कभी-कभी खाना तक नहीं मिलता जिसके चलते उन्हें भूखा रहना पड़ता है छात्राओं ने कहा वह पढ़ने के लिए छात्रावास में आई है लेकिन उनसे मजदूरों की तरह काम करवाया जाता है और उन पर अत्याचार किए जाते हैं।

Dabra News : अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास में मासूम बच्चियों का हो रहा है शोषण, जनसुनवाई में एसडीएम से की शिकायत

इस पूरे मामले में डबरा बीआरसी द्वारा बताया गया यह मामला अभी उनके संज्ञान में आया है जिसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एक टीम बनाई जाएगी जो कि छात्रावास का निरीक्षण करेगी जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अब सवाल यह खड़ा होता है कि अगर प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर स्कूल और छात्रावासों का निरीक्षण करते हैं तो ऐसी लापरवाही कैसे होती हैं सवाल यह भी खड़ा होता है कि इन छात्रावासों में लड़कियों के साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उन छात्रावासों और स्कूलों पर कोई कठोर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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