Dabra News : भीषण गर्मी में बूंद-बूंद को तरस रहे ग्रामीण, 2 किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर

गाँव में पीने के पानी की व्यवस्था न होने के कारण ऐसी भीषण गर्मी में लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।

Amit Sengar
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Dabra News : चुनाव आते ही वोट मांगने तो आ जाते हैं नेता लेकिन वोट लेने के बाद ग्रामीणों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया जाता है। जनप्रतिनिधि नहीं करते उनकी समस्या का समाधान। जहां एक ओर गर्मी अपने चरम पर है और लोगों को सबसे ज्यादा पीने के पानी की आवश्यकता पड़ रही है। फिर चाहे वह शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र ऐसे में क्या हो जब लोगों को पीने के पानी के लिए कठोर मेहनत मशक्कत करनी पड़ रही हो, उसके बाद भी पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा हो। ऐसा ही एक मामला डबरा जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत भगे में देखने को मिला है। जहां पर गाँव में पीने के पानी की व्यवस्था न होने के कारण ऐसी भीषण गर्मी में लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।

क्या है पूरा मामला

वहीं पानी के लिए परेशान हो रहे ग्रामीण रविंद्र सिंह जाट ने बताया गांव में पीने के पानी की व्यवस्था न होने के कारण पूरा गांव लगभग 1 से 2 किलोमीटर दूर गांव के बाहर एक व्यक्ति के निजी हैंड पंप से पानी भरने गाड़ियों से आता है। जिसके कारण सभी ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनकी इस समस्या को ना तो गांव का सरपंच सुनता है और ना हीं सचिव। रविंद्र ने बताया कि जब चुनाव आते हैं, तब नेता वोट मांगने तो आ जाते हैं। लेकिन ग्रामीणों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं देता है। ग्रामीणों से बड़े-बड़े वादे करके वोट तो ले लिए जाते हैं। उसके बाद मैं उन्हें उनके ही हाल पर छोड़ दिया जाता है।

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ग्रामीणों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे सरपंच-सचिव

वहीं एक निजी हेड पंप पर पानी भरने आए ग्रामीण मुकेश ने पानी की समस्या को लेकर कहा कि गांव में गिने चुने हैंड पंप हैं। जिनमें खारा पानी आता है। जो कि पानी पीने के लायक नहीं है। पीने के लिए गांव के बाहर एक से दो किलोमीटर दूर एक निजी हेड पंप पर लगभग पूरा गांव पानी भरने के लिए आता है। गांव में पुरानी पाइप लाइन तो डली हुई है। जिसमें कभी पानी नहीं आता और जो नई पाइपलाइन गांव में बिछाई गई उसमें भी पानी नहीं आता है। जो कि सिर्फ दिखावे के लिए बिछाई गई है, ऐसे में मजबूर ग्रामीण अपनी समस्या लेकर कहां जाएं।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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