Gwalior News : इस समय कृषि उपज मंडियों में भारी मात्रा में गेहूं की आवक हो रही है। किसान दूर दराज के इलाकों से अपनी नजदीकी कृषि उपज मंडियों में पहुंचकर अपनी फसल व्यापारियों को बेच रहे हैं। जो किसान अपने खेतों में खून पसीना बहा कर फसल का एक-एक दाना अपनी औलाद की तरह पालता है। जब वह फसल पक जाती है। तो उसे अपने परिवार का जीवन यापन करने के लिए मंडियों में लाकर व्यापारियों को बेचता है। लेकिन अगर वही व्यापारी किसान के साथ धोखाधड़ी कर उसकी फसल को कम तोलता है, या उसकी फसल के सही दाम नहीं देता है, तो शायद यह सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। क्योंकि किसान इस समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसकी वजह से सभी को उसकी मेहनत से दो वक्त की रोटी नसीब होती है। बड़ी बात तो यह है कि जब खुद मंडी प्रशासन ऐसे मामलों पर लापरवाही बरतता है। तो कहीं ना कहीं मंडी प्रशासन भी संदिग्धता के घेरे में आता है। वहीं मंडी प्रशासन की नाक के नीचे व्यापारी किसानों के साथ मनमानी कर उनसे धोखाधड़ी कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि ग्वालियर जिले की भितरवार कृषि उपज मंडी में एक मामला सामने आया है। जहां पर फसल बेचने आए किसानों ने व्यापारी द्वारा धोखाधड़ी को लेकर मंडी में हंगामा कर दिया। जिसमें बताया जा रहा है कि मंडी में लगे कमल राहुल ट्रेडर्स के कांटों पर किसान अपनी फसल तुलवा रहे थे। जिसमें कांटे में गड़बड़ी कर व्यापारी किसान की फसल को 2 से 5 किलो पर बोरी कम तौल रहे थे। जिसकी शिकायत किसानों ने मंडी के अधिकारियों से भी की है।
बता दें कि मंडी में जब मंडी के अधिकारी मौजूद रहते है, तो उसके बावजूद भी व्यापारी किसानों के साथ ऐसी धोखाधड़ी कैसे कर लेते हैं। इसमें कहीं ना कहीं मंडी प्रशासन की भी लापरवाही सामने आती है, या फिर कहीं ना कहीं मंडी प्रशासन भी इस मामले में संदिग्धता के घेरे में आता है। क्योंकि अगर कृषि उपज मंडी की मॉनिटरिंग अधिकारी समय-समय पर करें, तो किसानों के साथ ऐसी धोखाधड़ी ना हो।
वहीं मंडी में फसल बेचने आए विजेंद्र रावत निवासी बमरोल और अन्य किसानों ने बताया कि उन्होंने अपनी फसल व्यापारी कमल और राहुल के कांटों पर तुलवाई जिसमें उनकी बोरी का बजन 60 किलो बता रहा था। लेकिन जब वही बोरियाँ मंडी में अन्य व्यापारियों के यहां तुलवाई तो उनका बजन 62 किलो 500 ग्राम दिख रहा है। ऐसे ही सभी किसानों के साथ मंडी में धोखाधड़ी चल रही है। विजेंद्र रावत ने बताया जब यह धोखाधड़ी किसानों के सामने आई तो वह व्यापारी अपना कांटा लेकर भाग निकले जब इस बात की शिकायत उन्होंने मंडी अधिकारियों से की तो जिम्मेदार अधिकारियों ने भी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। वहीं इस पूरे मामले पर मंडी आधिकारी ने व्यापारी पर उचित कार्यवाई करने की बात कही है।
अरुण रजक की रिपोर्ट