मंत्री इमरती देवी ने किया राम शिला रथ को रवाना,कलश यात्रा में हुई शामिल

Gaurav Sharma
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डबरा,सलिल श्रीवास्तव। भाजपा युवा मोर्चा के नेतृत्व में आज 15 दिवसीय भगवान श्री राम का शिला रथ एवं कलश यात्रा के बीच मुख्य अतिथि के रूप में महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी सुमन मौके पर मौजूद रही। उन्होंने पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर कलश यात्रा में शामिल होकर रथ को रवाना किया। इस रथ यात्रा में मंत्री इमरती देवी ने अपने सिर पर कलश रख कर महिलाओं के साथ श्रीराम की शिला अपने सिर पर रखकर रथयात्रा गांव-गांव के लिए शुरू की।

 

 

मंत्री इमरती देवी का इस यात्रा का उद्देश्य केवल इतना है कि जो अयोध्या जी में हमारा भव्य राम मंदिर बन रहा है, जिसके दर्शन के लिए हर कोई नहीं जा सकता है, इसलिए यह पूजा का कलश पूरे डबरा विधान सभा की तरफ से यह शिला ले जाकर राम मंदिर में ईंट के रूप में लगाई जाएगी, जिससे डबरा का नाम भी राम मंदिर में लिया जाए और हमारी विधान सभा के लोगों को राम भगवान का आशीर्वाद मिलता रहे।

मंत्री इमरती देवी सुमन के ने छीमक पंचायत को एक स्टेडियम की भी सौगात युवाओं के लिए देने की घोषणा की। इस मौके पर उनके साथ भाजपा युवा मोर्चा के जिला ग्रामीण अध्यक्ष अमरदीप औलख ने बताया भगवान श्री राम की कलश यात्रा बुधवार को छीमक,ठेठियापुरा, अकबई, सुनवई, महाराजपुर, खडबई, चोमों, रामपुरा, चितावनी और रजियार गांव पहुंचेगी जहां भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा रात्रि में सुंदरकांड का पाठ के साथ पूजा अर्चना कि जाएगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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