डबरा में दबंगों के हौसले बुलंद, आधा दर्जन से अधिक लोगों ने एक युवक को बेरहमी से पीटा, घटना सीसीटीवी में कैद

Shashank Baranwal
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Dabra News: मध्य प्रदेश के डबरा शहर में अपराधियों को पुलिस का कोई डर नहीं दिख रहा है, क्योंकि डबरा में बीते रोज बेखौफ होकर आधा दर्जन से अधिक दबंग लोगों ने एक युवक के साथ बड़ी ही बेरहमी से उस वक्त मारपीट की जब वह बाजार से अपने घर वापस जा रहा था। जिससे फरियादी युवक को पूरे शरीर पर गंभीर चोटें आईं। इस घटना का वीडियो घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। जिसकी फरियादी ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहा फरियादी

फरियादी अनिल साहू निवासी दर्शन कॉलोनी चीनोर रोड डबरा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय पहले आरोपी उसके घर आए थे और शराब के लिए पैसों की मांग कर रहे थे। जिस पर फरियादी ने उन्हें पैसे देने से मना कर दिया। वहीं उसके बाद आरोपियों ने धमकी दी की वह उसके साथ-साथ उसके घर वालों को भी मारेंगे। लेकिन कुछ दिन पहले 6 जनवरी को जब फरियादी बाजार से काम कर के अपने घर वापस लौट रहा था तभी लगभग अधे दर्जन लोगों ने उसे घेर कर लाठी डंडे और सरियों से बेरहमी से मारपीट की और घटनास्थल पर ही पड़ा छोड़कर भाग गए। फरियादी अनिल साहू ने पुलिस थाने में शिकायत करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसकी नहीं सुनी। फरियादी ने मजबूर होकर ग्वालियर एसपी के पास जाकर सारी घटना बताई। जिसके बाद आरोपियों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। लेकिन फरियादी अनिल ने बताया कि पुलिस ने उसके साथ हुई पुरी घटना का मामला दर्ज नहीं किया। आरोपियों पर छोटी-छोटी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। फरियादी अनिल का कहना है कि वह पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहा है। उसके साथ पूरा न्याय हो, क्योंकि उसके साथ इतनी मारपीट हुई है। जिसके कारण वह पूरी तरह से अभी तक स्वस्थ नहीं हो पाया और थाने के चक्कर लगा रहा है।

डबरा से अरूण रजक की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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