डबरा, सलिल श्रीवास्तव। पंचायत चुनाव के बीच एक अलग खबर देखने और सुनने को मिली है। जहां पुलिस पर आदिवासियों ने मारपीट का आरोप लगाया है। पुलिस का कहना है कि हम शराब खोरी रोकने गए थे, इसलिए आदिवासियों ने आरोप लगाते हुए जाम लगाया है। इस घटनाक्रम से इतना तो तय है कि चुनाव में नेता सक्रिय हो गए हैं और पिछड़े इलाकों में वोटों को लुभाने के लिए शराब और पैसे का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि भरतरी आदिवासी दफाई के लोगों ने आज सुबह nh-44 पर एकत्रित होकर नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। जाम कर रहे लोगों का आरोप था कि उनकी दफाई में आंतरी थाना प्रभारी रमाकांत उपाध्याय और पुलिस के स्टाफ ने लोगों के साथ बेवजह मारपीट की है। जिसको लेकर उन्होंने यह चक्का जाम किया है।
जाम कर रहे लोग अंतरी थाना के स्टाफ को हटाए जाने की मांग कर रहे थे। NH 44 पर जाम लगभग 1 घंटे तक लगा रहा। जिसके बाद मौके पर पहुंचे डबरा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस विवेक कुमार शर्मा, तहसीलदार दीपक शुक्ला एवं डबरा सिटी थाना प्रभारी विनायक शुक्ला की समझाइश के बाद आक्रोशित आदिवासी समुदाय के लोगों ने जाम को खोला। इस दौरान सैकड़ों वाहन जाम में फंसे रहे एवं 1 घंटे से अधिक समय तक नेशनल हाईवे 44 पर आवागमन बाधित रहा।
वहीं पर आदिवासी दफाई के लोगों द्वारा पुलिस पर लगाए जा रहे आरोपों पर आंतरी थाना प्रभारी रमाकांत उपाध्याय का कहना है कि चुनावी समय चल रहा है। वह अपने पुलिस स्टाफ के साथ भरतरी आदिवासी दफाई पर लोगों को शराब खोरी से बचने, बिना किसी दबाव एवं प्रलोभन में आए मतदान करने की समझाइस देने गए थे। जिस पर दफाई के लोग भड़क गए और कहने लगे कि पुलिस उनके गांव में नहीं आएगी।
गांव में पुलिस की मौजूदगी से आक्रोशित लोगों ने nh-44 जाम कर दिया। वरिष्ठ अधिकारियों की समझाइश के बाद जाम खुलवा दिया गया है एवं आवागमन पूरी तरह सुचारू रूप से संचालित करवा दिया गया है।