Dabra News: आपूर्ति विभाग और FST की टीम ने अवैध गैस रीफिलिंग मामले में की छापेमार कार्रवाई, एक दुकान सील

दुकान संचालक संतोष साहू ने यह कुबूल किया गया है कि वह 1000 रुपए में गैस सिलेंडर खरीद कर 100 से 125 रुपए प्रति सिलेंडर लाभ पर गैस रिफलिंग का कार्य किया करता है।

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Dabra News: डबरा में चल रहे अवैध रूप से गैस रिफिलिंग के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने के लिए FST एवं खाद्य विभाग की टीम ने संयुक्त रूप में छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान टीम ने साहू गैस रिपेयरिंग सेंटर एवं किराना स्टोर और वीर सिंह रिपेयरिंग सेंटर पर कार्रवाई की, जिसमें गैस रेसलिंग और गैस रीफिलिंग मशीन के साथ कई गैस सिलेंडर जब्त किए।

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19 घरेलु सिलेंडर के साथ कई सामान जब्त

टीम द्वारा दुकानों पर चार पहिया वाहनों और छोटे सिलेंडरों में गैस रीफिलिंग के सामानों को जब्त किया। दुकान संचालक संतोष साहू ने यह कुबूल किया गया है कि वह 1000 रुपए में गैस सिलेंडर खरीद कर 100 से 125 रुपए प्रति सिलेंडर लाभ पर गैस रिफलिंग का कार्य किया करता है। वहीं दुकान एवं इकोस्टार गाड़ी वाहन क्रमांक एमपी 07 सीसी 2966 से कुल 19 घरेलू गैस सिलेंडर, एक व्यवसायिक गैस सिलेंडर, दो रिफिल मशीन और चार नोजल को टीम ने मौके से जब्त कर वाहन को पुलिस अभिरक्षा में देकर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

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एक दुकान को किया गया सील

वहीं फूड इंस्पेक्टर संदीप पांडे ने मोबाइल पर जानकारी देते हुए बताया कि अंबेडकर कॉलोनी में लगातार आमने-सामने दो दुकानों पर अवैध गैस रिफिलिंग का कार्य चल रहा था। जब टीम जांच करने पहुंची तो इसकी सूचना दूसरे दुकान संचालक को मिल चुकी थी। वह दुकान बंद कर भाग चुका था। इसके बाद मौके पर साहू गैस रिपेयरिंग सेंटर पर कार्रवाई की गई। फिलहाल, एक दुकान को मौके पर सील कर दिया गया है।

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डबरा से अरूण रजक की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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