जबलपुर, संदीप कुमार। “जब सैया भय कोतवाल तो डर काहे का” बरसों पुरानी यह कहावत आजकल जबलपुर के ददरगवा ग्राम में देखने को मिल रही है। जहाँ गांव में है तो पत्नी सरपंच पर उनके पति महोदय सरकारी दस्तावेजों में पत्नी के हस्ताक्षर कर मस्टर, बिल, वाउचर भर रहे हैं। सरपंच पति का सरकारी दस्तावेजों में हस्ताक्षर करते हुए एक वीडियो सामने आया है जहाँ वह कुंडम जनपद कार्यलय में बैठकर अपनी पत्नी के हस्ताक्षर कर रहा है।
नाम पत्नी का काम करते है पति महोदय
ददरगवा गाँव में कहने को तो महिला सरपंच माहों बाई है, पर वह सिर्फ नाम के लिए क्योंकि गाँव मे जितने भी काम होते है। चाहे विकास के हो, निर्माण के हो या फिर कोई अन्य, हर काम में सरपंच माहों बाई के हस्ताक्षर उनके पति ही करते है। इतना ही नही गाँव के हर काम में सरपंच पति मनसुख परस्ते का हाथ होता है उनके कहे बिना गांव में कोई भी काम नही होते हैं।
जनपद में पत्नी के हस्ताक्षर करते हुए कैमरे में कैद हुए सरपंच पति
हाल ही में ददरगवा गाँव की सरपंच माहों बाई के नाम का हस्ताक्षर करते हुए उनके पति मनसुख परस्ते कैमरे में कैद हुए थे। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सरपंच पति मनसुख परस्ते सरकारी बिल, वाउचर पर अपने हस्ताक्षर कर रहे है। ये वीडियो कुंडम जनपद कार्यालय का है।
प्रशासन को अब शिकायत का इंतजार
वीडियो में साफ- साफ देखा जा सकता है कि सरकारी मस्टर, वाउचर में सरपंच पति अपने हस्ताक्षर कर रहे हैं। इसके बाद भी जनपद सीईओ ओमकार सिंह ठाकुर शिकायत का इंतजार कर रहे हैं। जनपद सीईओ भी मान रहे हैं कि अगर पत्नी सरपंच है और भले ही वो पढ़ी-लिखी न हो तो भी उनके पति हस्ताक्षर सरकारी दस्तावेज में नही कर सकते है, ये एक बड़ा अपराध है पर अभी तक कोई इसकी शिकायत नही आई है। अगर कोई शिकायत करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
हत्या का आरोपी है सरपंच पति, जमानत में है रिहा
जानकारी के मुताबिक महिला सरपंच का पति मनसुख परस्ते के ऊपर आपराधिक मामले भी दर्ज है। साल 1993-94 में सरपंच पति को हत्या के मामले में सजा पड़ी थी और करीब सात साल बाद जमानत में रिहा होकर सरपंच पति मनसुख परस्ते वापस आया है। बहरहाल अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन सरकारी दस्तावेजों से हेरफेर करने वाले सरपंच पति पर किस तरह की कार्यवाही करते हैं।