Damoh : 108 पर कॉल करने के बाद भी नहीं आई एम्बुलेंस, गर्भवती पत्नी को हाथ-ठेले पर हॉस्पिटल ले गया पति

Amit Sengar
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दमोह,डेस्क रिपोर्ट। स्वास्थ्य सेवाओं के दुरुस्त होने का प्रदेश सरकार भले ही लाख दावे करें पर सच्चाई कुछ और ही है, ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के दमोह (damoh) जिले के हटा ब्लॉक के रनेह गांव का है। जहाँ पति से पत्नी की तकलीफ नहीं देखी गई और वो उसे हाथ ठेले पर लिटाकर 2 km दूर स्थित सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां भी उसकी परेशानी कम नहीं हुई। वहां मौजूद स्टाफ ने उसे तीन घंटे बाद आने को कहा।

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मिली जानकारी के अनुसार, रनेह गांव के रहने वाले कैलाश अहिरवाल ने बताया कि- मेरी पत्नी काजल गर्भवती है, उसको आज (30 अगस्त) प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। मैंने कई बार 108 एंबुलेंस को फोन लगाया उसके बाद भी सरकारी सहायता नहीं मिलने पर पति ने मजबूरी में एक हाथ ठेला लिया। उस पर पत्नी को लिटाकर गांव के अस्पताल पहुंचा। यहां भी मदद नहीं मिली। उसके बाद अस्पताल में स्थानीय लोगों ने मदद की। फिर 108 एंबुलेंस से पत्नी को हटा अस्पताल लेकर पहुंचा। वहां भी उसकी हालत नाजुक होने के कारण डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।

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हटा बीएमओ ने बताया कि इस वायरल वीडियो को संज्ञान में ले लिया गया है, 108 एंबुलेंस क्यों नहीं पहुंची, इसकी भी जांच की जाएगी साथ ही सरकारी अस्पताल में कौन सी स्टाफ नर्स की वहां ड्यूटी थी। इस मामले में स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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