दमोह, आशीष कुमार जैन। दमोह जिले (Damoh District) में किसानों को मौसम की दोहरी मांग झेलनी पड़ रही है। जब पहले फसलों के लिए पानी चाहिए था तब बरसात नहीं हुई और जैसे तैसे किसानों ने फसलों को बचाया तो खड़ी फसल के बीच भारी बारिश ने बची-कुची फसल भी तबाह कर दी। ऐसे में परेशान किसान सरकार की तरफ नज़र लगाए बैठा है। लेकिन अभी तक दमोह में प्रशासन द्वारा किसानों की फसलों का कोई सर्वे नहीं किया गया है जिसके चलते उन्हें मुआवजे की राशि नही मिल पा रही है। और इसी सब समस्याओं को लेकर भाजपा नेता और समाजसेवी सिद्धार्थ मलैया ने किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ कलेक्टर से मुलाकात की और किसानों की समस्याओं से अवगत कराया।
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मलैया ने सूखा और बारिश से नष्ट हुई फसलों को लेकर प्रधानमंत्री बीमा योजना के सर्वे को लेकर बात रखी। उनके मुताबिक बीमा राशि के लिये सर्वे का काम समय पर नहीं हुआ और प्रशासन को सर्वे कराना चाहिए। इसके अलावा सिद्धार्थ मलैया ने मांग रखी कि जिन नदियों पर चेक डेम और स्टॉप डेम बने हैं उनके गेट बंद कराए जाएं ताकि पानी को रोका जाए और आने वाली परेशानियों से जिले के लोग बच सकें।
दमोह भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैयाने बताया कि जो अच्छी बारिश हुई है उससे भी कई फसलें खराब हुई है। जिसके चलते कलेक्टर साहब से हमने आग्रह किया है कि फसल के सर्वे कराए जाएं। क्योंकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के यह भी आ जरूरी है कि फसल की 72 घंटे के अंदर सर्वे होना चाहिए। यह सारे सर्वे नहीं हुए हैं जिसके चलते हमने यह समस्या कलेक्टर को बताई है।