Thu, Dec 25, 2025

दमोह में नगर पालिका के पार्षद ने दिया इस्तीफा तो मच गई खलबली

Written by:Amit Sengar
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दमोह में नगर पालिका के पार्षद ने दिया इस्तीफा तो मच गई खलबली

Damoh News : मध्य प्रदेश में नई सरकार के गठन के पहले ही असंतोष अब सार्वजनिक होने लगा है और जिस बहुमत के साथ सूबे में भाजपा की वापसी हुई है उसके बाद सूबे में कांग्रेस शासित नगर पालिकाओं और नगर निगमों की परेशानियां बढ़ सकती है, सम्भव है इन इकाइयों को लेकर भाजपा कोई खेल कर दे। इस बात के संकेत सूबे के दमोह से मिले हैं जहां एक पार्षद के इस्तीफे ने इलाके में सियासी पारा चढ़ा दिया है, आलम ये है कि पार्षद को मनाने का काम भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व वित्त मंत्री और नवनिर्वाचित विधायक जयंत मलैया को करना पड़ा।

क्या है मामला

दरअसल, मलैया के क्षेत्र की दमोह नगर पालिका में कांग्रेस का कब्जा है और बीते साल हुए चुनाव में भाजपा को यहां मुह की खानी पड़ी थी। भाजपा की इस हालत का जिम्मेदार जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया को माना गया सिद्धार्थ भाजपा से निष्काषित थे और उन्होंने अपना अलग दल टीएसएम बनाया और नगरीय निकाय चुनाव लड़ा, इस चुनाव में उनके पाँच पार्षद चुनकर आये और अधिकांश वार्डों में भाजपा को नुकसान हुआ। इन पांच पार्षदों में से एक महावीर वार्ड के पार्षद विवेक सेन विक्की ने कलेक्टर को पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया, सोशल मीडिया पर विक्की का इस्तीफा आया तो खलबली मच गई क्योंकि अब हालात बदल चुके हैं, जयंत मलैया फिर विधायक बन गए और उनके बेटे सिद्धार्थ की भी भाजपा में वापिसी हो गई।

फिर क्या था रूठे पार्षद को मनाने के लिए जयंत मलैया को कसरत करना पड़ी, पार्षद विक्की सेन मान गए लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने नगर पालिका की असलियत लाकर रख दी। अराजकता के दौर से गुजर रही नगर पालिका में पार्षदों की हालत ठीक नहीं है, शहर के वार्डो में साल भर से काम रुके पड़े हैं और ठेकेदार बिल न होने की वजह से काम नहीं कर रहे ये सब बयान कर पार्षद ने अपनी भड़ास निकाली और जयंत मलैया का हवाला देकर इस्तीफा न देने की बात कही है। दरअसल, जानकार मानते हैं कि ये शुरुआत है शहर में भाजपा और मलैया के करीबी पार्षद माहौल बनाने में जुट गए हैं ताकि बाकी पार्षदों के असन्तोष बाहर निकले और फिर अविश्वास प्रस्ताव लाकर कांग्रेस को नगर पालिका से बाहर किया जा सके।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट