धोखाधड़ी से सावधान! कहीं आप भी न हो जाएं ऐसी ठगी के शिकार

Amit Sengar
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Damoh News : क्या आप भी ऑनलाइन पेमेंट एप्स का इस्तेमाल करते हैं तो ये ख़बर आपके लिये बेहद जरूरी है, आप ज़रा सतर्क और सावधान रहें क्योंकि ठगों की नजर आपके पेमेंट एप पर है जो आपको ऑनलाइन पेमेंट करेंगे जरूर पर हो सकता है कि वो पेमेंट आपके खाते में आये ही न। ऐसा ही हो रहा है सूबे के दमोह में जहां ठग बाकायदा ग्राहक बनकर आते हैं अपने मोबाइल एप से पेमेंट भी करते हैं दुकानदार के फोन पर बाकायदा पेमेंट रिसीव का मैसेज भी आता है लेकिन बैंक एकाउंट में पेमेंट नही पहुंचता। कुछ दिन पहले शहर की एक ज्वेलरी शॉप बुंदेला ज्वेलर्स पर ऐसा ही हुआ जब करीब डेढ़ लाख का पेमेंट ऑनलाइन एप से किया गया लेकिन ये पेमेंट फर्जी निकला और आरोपी अब तक नही पकड़ा गया है आज फिर एक ऐसा ही मामला सामने आया है जब एक कपडे के व्यापारी ठगी का शिकार हुए हैं।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि दमोह के घण्टाघर स्थित मॉर्डन हब में तीन लड़के बाइक से कपड़े खरीदी करने आये और उन्होंने 12 हजार की खरीदी की। जब पेमेंट की बारी आई तो उन्होंने दुकान के ऑनर सिद्धांत जैन से ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा, युवकों ने सिद्धान्त के मोबाइल को स्कैन किया 11 हजार 400 रुपये पेमेंट किया बाकायदा पेमेंट रिसीव शो भी हुआ लेकिन जब दुकानदार ने अपना बैंक एकाउंट चेक किया तो पेमेंट आया ही नही था। पहले सिद्धान्त ने सोचा कि बैंक सर्वर की प्रॉब्लम होगी लेकिन जब दो घण्टे बीत गए तो शक हुआ कि वो ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो गया है और उसने पुलिस कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है।

सिद्धान्त के मुताबिक युवक ने जिस नम्बर से पेमेंट किया वो नम्बर भी बन्द है और वो ठगी का शिकार हुआ है। इस मामले में पेमेंट करने वाला युवक और उसके साथ आये दो अन्य युवक भी दुकान के सीसीटीवी में कैद हुये हैं। लगातार सामने आ रहे इस तरह के मामले चिंताजनक है अधिकांश मामले छोटी रकम से जुड़े होते हैं लिहाजा मामले पुलिस तक नही पहुंच पाते लेकिन जब बड़े मामले सामने आते हैं तो चिंता बढ़ जाती है। कोतवाली पुलिस ने मामले में शिकायत लिख ली है और मामला सायबर क्राइम ब्रांच को भेजा गया है वहीं कोतवाली पुलिस सीसीटीवी के आधार पर भी आरोपियों की तलाश कर रही है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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