Damoh Religious Conversion : MP के दमोह जिले से एक बड़ी खबर है। जहाँ बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के मुद्दे पर मुहर लगी है और पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद ये पाया है कि इलाके में ईसाई मिशनरी द्वारा प्रलोभन देकर दलितों को ईसाई बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं ईसाई बनाने के बाद ये संस्था लोगों को डराने धमकाने के साथ ही धर्म परिवर्तन करने वाली नाबालिग बच्चियों के साथ शोषण और छेड़छाड़ भी करते है।
क्या है पूरा मामला देखिये इस रिपोर्ट में
एमपी का दमोह जिला धर्मांतरण को लेकर लम्बे समय से सुर्ख़ियों में है। हर बार मामला शांत हो जाता था लेकिन इस बार पुलिस ने इस मुद्दे पर मुहर लगाते हुए ये साफ किया है की इलाके में जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है। इसको लेकर आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है।
ये मामला सामने आया तो धर्म परिवर्तन का शिकार हुए दलित वर्ग के लोग खुलकर सामने आये और दमोह के देहात थाना के मराहार इलाके के लोगों ने एसपी आफिस पहुंचकर एक शिकायत की। उनका कहना है की उनके क्षेत्र में केरल की एक संस्था जबरन प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करा रही है। साल 2013 में हिन्दू से ईसाई बने लोगों ने अपनी आप बीती एसपी को सुनाई तो सारा मामला सामने आया।
कैसे हुए धर्मांतरण
इन लोगों की माने तो पैसो का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया गया। खुद ये लोग स्वीकार कर रहे है की उन्होंने धर्म बदलने के पैसे लिए लेकिन कई साल बीत जाने के बाद उनका दिल गवारा नहीं हुआ की वो किसी और धर्म को माने। जिसके बाद उन्होंने ईसाई पूजा पद्धति से खुद को अलग कर लिया और ये बात मिशनरी के लोगों को रास नहीं आई। जब दमोह में ईसाई मिशनरी के एक बड़े वर्ग पर आपराधिक मामला खुद राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष ने दर्ज कराया तो लोग सामने आये जिनको धमकाया भी गया।
दमोह एसपी को मिली इस शिकायत के बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए और पुलिस जांच कर रही थी। इस बीच एक बार फिर इस मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष ने मामले को संज्ञान में लिया और उन्होंने ट्वीट कर ये बताया की दमोह में इस संस्था के एक पादरी द्वारा नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। लड़किया पुलिस थाने में है लेकिन पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है। इसके बाद बीते 22 नवम्बर को आयोग ने एक नोटिस जारी कर इस मामले में पुलिस को संज्ञान लेने निर्देशित किया। पुलिस ने जांच तेज की तो पीड़ितों द्वारा लगाए गए सारे आरोप सही पाए गए और जाँच कर रहे सिटी एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया की एसपी के सामने पेश हुए पीड़ितों की बात सही पाई गई।
बच्चियों के साथ छेड़छाड़
जिनके मुताबिक़ लोगों का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया गया। उसके बाद उन पर दबाव बनाने के साथ धमकाया भी गया। इतना ही नहीं जांच में ये भी पाया गया है की ईशु संस्था के कर्मचारी धर्म परिवर्तन करने वाली बच्चियों के साथ छेड़छाड़ भी करते थे। पुलिस ने 23 नवम्बर की देर रात पास्को एक्ट, एससीएसटी एक्ट और धर्म परिवर्तन के साथ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जिसमे छह पुरुष और दो महिलाएं शामिल है।
बहरहाल पुलिस की प्रारम्भिक जांच में ये साबित हुआ है की केरल से संचालित होने वाली इस संस्था का नेटवर्क दमोह इलाके में फैला हुआ है और अब जब आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। उसके बाद पुलिस इलाके में फैले इस नेटवर्क को ख़त्म करने की योजना बना रही है। – दमोह से आशीष कुमार जैन की रिपोर्ट