Damoh News : गले में फंदा लगकर दम घुटने से हुई तेंदुए की मौत, जाँच में जुटी वन विभाग की टीम

वन विभाग के आला अफसरों की मौजूदगी में उसका पोस्टमार्टम करके उसके अंगों को सुरक्षित किया गया है। जिसे जांच के लिए भेजा जा रहा है। वही तेंदुए की मौत की जांच भी की जा रही है।

Amit Sengar
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Damoh News : दमोह के जंगल मे एक बार फिर एक तेंदुए का शव मिलने के बाद सनसनी फैली हुई है। और जंगल मे जानवरों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बीते महीनों में जंगल छोड़कर रहवासी इलाकों में आये कुछ जानवरों की मौत की खबरें चिंता में डाल रही थी। वहीं अब गले मे तार फंसने से तेंदुए की लाश मिलने से एक बार फिर चिंता बड़ा दी हैं।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे दमोह जिले के सागौनी रेंज के तहत आने वाले जंगल मे लोगों ने एक तेंदुए के शव को देखा तो हड़कम्प मच गया, वन विभाग को इसकी सूचना दी गई तो मौके पर पहुंची टीम ने पाया कि तेंदुए के गले मे तार फंसा हुआ था। एक पेड़ के तने से वो टिका हुआ था, जिस जगह तेंदुए का शव मिला उसके पास ही दो बैल भी मृत हालत में पड़े हुए थे। मतलब साफ था कि तेंदुए ने इन बैलों का शिकार किया था। पहली नजर में इसे शिकार की नजर से देखा जा रहा था। लेकिन वन अमले ने इसकी बारीकी से जांच करने भोपाल से टीम बुलाई और पाया कि तेंदुए के गले में दो से तीन दिनों से ये तार फंसा हुआ था इसी हालत में उसने बैलों का शिकार भी किया। लिहाजा गले पर प्रेशर पड़ने की वजह से उसकी मौत हो गई।

दमोह के डीएफओ महेंद्र ऊइके के मुताबिक इस रेंज में शिकारियों का मूवमेंट नहीं है। लंबे समय से यहां कोई शिकार किये जाने के मामले सामने नही आये है। तब सवाल है कि तेंदुए के गले मे तार कैसे आया तो जांच में पता चला है कि जंगल से लगी खेती की जमीन और फसल को बचाने के लिए किसान अपने खेतों में फेंसिंग करते हैं। और जिस तरह का तार इस तेंदुए के गले मे मिला वो फेंसिंग में उपयोग होने वाला तार ही है। इन तथ्यों के बाद भी मृत तेंदुए के शव को जबलपुर ले जाया गया। जहां वन विभाग के आला अफसरों की मौजूदगी में उसका पोस्टमार्टम करके उसके अंगों को सुरक्षित किया गया है। जिसे जांच के लिए भेजा जा रहा है। वही तेंदुए की मौत की जांच भी की जा रही है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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