Damoh News : मिशनरी संस्थाओं से जुड़े गैर ईसाई लोगों ने निकली शहर में रैली, कहा – धर्मांतरण के नाम पर बेवजह न किया जाए परेशान

Amit Sengar
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Damoh Conversion Case : मध्यप्रदेश के दमोह जिले में बीते कुछ दिनों से गरमाये धर्मांतरण के मुद्दे पर जहाँ हर दिन कोई न कोई प्रदर्शन हो रहा है वहीं अब मिशनरी संस्थाओं से जुड़े लोग भी सड़कों पर आकर इस बात का विरोध कर रहे है की मिशनरियों को बेवजह परेशान न किया जाये और ये विरोध करने वाले ईसाई समुदाय के नहीं बल्कि तमाम गैर ईसाई धर्मावलंबी है।

दमोह की सड़कों पर मंगलवार को कुछ ऐसा ही देखने मिला जब बड़ी संख्या में अपने हांथों में तख्तियां लिए महिला पुरुष सड़क पर आये और उन्होंने सामाजिक समरसता का सन्देश देते हुए अपनी बात रखी। प्रदर्शनकारियों ने अपने इस प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के बंगले का घेराव शांतिपूर्वक कर मंत्री से मुलाकात भी की और अपनी बात रखी।

मिशनरी के स्टाफ द्वारा नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ का मामला

दरअसल, बीते दिनों दमोह जिले में ईसाई मिशनरियों पर जबरन धर्मांतरण के आरोप लगाते हुए पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगों ने पहली एफआई आर दर्ज कराते हुए बच्चों का धर्म परिवर्तन करने के आरोप के साथ कहा था की इन संस्थानों में बच्चों को पादरी बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है, पुलिस ने इस मामले में दस लोगों पर मामला कायम किया वहीं दूसरा मामला दमोह के मराहार में केरल से संचालित एक ईशु नाम की संस्था का सामने आया जहाँ अनुसूचित जाति के कुछ लोगों ने आरोप लगाया की साल 2013 में उनका धर्म परिवर्तन कराया गया और जब वो घर वापिसी करना चाहते है तो ईसाई मिशनरी के लोग उन्हें प्रताड़ित कर रहे है इतना ही नहीं मिशनरी के स्टाफ द्वारा नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ भी की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं सहित आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज किया।

इस बीच पुलिस ने दो मामलों के अठारह में से एक भी आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है वहीं गिरफ्तारी की मांग को लेकर भी शहर की सड़कों पर हर दिन कुछ न कुछ हंगामा हो रहा है। लेकिन इस बार ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग पहली बार खुलकर सामने आये है जब ईसाइयों ने नहीं बल्कि उनके साथ जुड़े दुसरे मजहबों के लोगों ने मिशनरियों का समर्थन किया है।

सरकार और कानून से लगाई न्याय की गुहार

आपको बता दें की जिले में अलग अलग मिशनरी संस्थाओं द्वारा स्कूल कालेज नर्सिंग कालेज, अस्पतालें अनाथ आश्रम सहित विभिन्न संस्थान संचालित किये जा रहे है और इन संस्थानों में इलाके के लोग अधिकारी और कर्मचारी की भूमिका में सालों से काम कर रहे है और उनका जीवन यापन भी हो रहा है ऐसे में जब इन संस्थाओं पर संकट के बादल छा रहे है तो यहाँ से जुड़े लोग दहशत में है, एक तरफ सुरक्षा और दूसरी तरफ जीवन यापन का संकट भी मडरा रहा है और अब ये लोग सरकार और कानून से न्याय की गुहार लगा रहे है। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने इन प्रदर्शनकारियों से मिलने के बाद कहा की बात रखने का अधिकार सबको है लेकिन किसी भी कीमत पर धर्मांतरण बर्दाश्त नहीं होगा।
दमोह से आशीष कुमार जैन की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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