Damoh News: पुलिस को अंकेश हत्याकांड में मिली बड़ी सफलता, दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

मामला थाने में पहुंचने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश जारी कर दिया। वहीं कोतवाली थाने की पुलिस ने साइबर सेल की मदद से आरोपियों तक पहुंचने में सफलता हासिल की।

Shashank Baranwal
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Damoh News: मध्य प्रदेश के दमोह जिले की पुलिस ने अंधे कत्ल के मामले में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। जहां पुलिस को अंकेश हत्याकांड के मामले से जुड़े दो आरोपियों को शनिवार देर शाम को पकड़ने में सफलता मिली है।

पहले छत से नीचे गिराया, फिर सिलेंडर फेंका

दरअसल, 19 मार्च की सुबह को 18 साल के युवक अंकेश राय उर्फ अंकु की लाश मिली थी, जिसके बाद शहर में दहशत फैल गई थी। वहीं दमोह जिले के एसपी श्रुतिकीर्ति सोमवंशी ने शनिवार देर शाम हत्याकांड का खुलासा करते हुए इस मामले की जानकारी दी। एसपी सोमवंशी के मुताबिक खजरी मुहल्ला में अंकेश राय रात के वक्त पड़ोस के ही एक घर की छत पर अनाधिकृत रुप से गया था, जिसे उसी घर में रहने वाले दो युवक शुभम राठौर और शोभित राठौर ने देखा लिया। उसके बाद दोनों में विवाद शुरू हो गया। इस दौरान दोनों युवकों ने अंकेश के साथ पहले मारपीट की, बाद में उसे छत पर से फेंक दिया। दिया। इतना ही नहीं छत से फेंके जाने के बाद जब वो सड़क पर पड़ा था तो दोनों युवकों ने एलपीजी गैस सिलेंडर के जरिये भी उसके शरीर पर चोटें पहुंचाईं।

साइबर सेल की मदद से आरोपियों को पकड़ा

मामला थाने में पहुंचने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश जारी कर दिया। वहीं कोतवाली थाने की पुलिस ने साइबर सेल की मदद से आरोपियों तक पहुंचने में सफलता हासिल की। पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। एसपी के मुताबिक मामले में आगे की जांच की जा रही है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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