मध्य प्रदेश के दमोह जिला में आयुष्मान योजना को लेकर अनोखी पहल देखने को मिल रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना देश भर में लागू किया गया है। जिसके तहत गरीब और जरूरतमंद परिवार अपना मुफ्त में इलाज करवा सकते हैं, लेकिन वर्तमान में भी कई पत्र सरकारी दफ्तरों तक नहीं पहुंच पाते और वह कार्ड बनवाने में असमर्थ रहते हैं। ऐसे में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई हो इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए दमोह जिला प्रशासन ने अनोखी पहल शुरू की है। जिसकी निगरानी खुद कलेक्टर सुधीर कोचर कर रहे हैं।
अनोखी पहल शुरू
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए दमोह जिला प्रशासन ने बिल्कुल अलग और अनोखी पहल शुरू की है। जिसके तहत अब लोगों को आयुष्मान कार्ड के लिए सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि लोगों के बीच जाकर सड़कों पर ही यह कार्ड बनाए जा रहे हैं। प्रशासन ने एक टीम तैयार की है, जो खुद उन स्थानों पर पहुंच कर आयुष्मान कार्ड बनाएंगे। खासकर वह मजदूर और श्रमिक की तलाश में शहर के अलग-अलग चौराहे पर जाएंगे, जहां मौके पर ही उनके दस्तावेज देखकर आयुष्मान कार्ड तैयार किए जाएंगे। इसके बनते ही तुरंत वहीं उन्हें कार्ड शॉप भी दिया जाएगा, ताकि लोगों को बार-बार चक्कर न लगाना पड़े।
कलेक्टर ने कही ये बात
कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है कि यह कार्य इसलिए शुरू किया गया है, ताकि खासकर मजदूर, दैनिक वेतनभोगी और बुजुर्ग भी इस योजना से जुड़ सकें। अक्सर मजदूर काम की वजह से या समय की कमी के कारण सरकारी दफ्तरों तक नहीं पहुंच पाते, जिसके कारण वे इस महत्वपूर्ण योजना से वंचित रह जाते हैं। अब हम उनके पास खुद जा रहे हैं, जिससे उनकी परेशानी दूर हो जाएगा। आगे उन्होंने बताया कि इस पहल का फायदा सिर्फ मजदूरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा। वह इन मोबाइल शिविरों के माध्यम से अपना कार्ड बनवा पाएंगे।
लोगों ने की तारीफ
कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वह भी यह कार्ड बनवाएं और इसका पूरा लाभ लें, क्योंकि आयुष्मान कार्ड धारकों को सरकारी और निजी अस्पतालों में साल में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है। वहीं, स्थानीय लोगों ने इस पहल की तारीफ की।
दमोह, दिनेश अग्रवाल





