दमोह, आशीष कुमार जैन। मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) में लगातार हो रही रिश्वतखोरों पर कार्रवाई के बाद भी सरकारी मुलाजिम (Government Officers) रिश्वत लेने से बाज नही आ रहे हैं। सोमवार को दमोह (Damoh) में जनपद पंचायत (District Panchayat) का सब इंजीनियर (Sub Engineer) पचास हजार (50 thousand) की रिश्वत (Bribe) लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। सागर लोकायुक्त की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।
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पहले ले चुका था दस हजार
आपको बता दें जनपद दमोह के तहत आने वाली बालाकोट पंचायत में गौ शाला(Cowshed) निर्माण सहित कुछ और योजना के बिल सब इंजीनियर जी डी अहिरवाल के पास पेंडिंग पड़े थे। बालाकोट की सरपंच मूंगा बाई के बेटे लीलेन्द्र लोधी लगातार बिल पास कराने की कोशिश कर रहे थे। सब इंजीनियर ने बिल के तीन प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत की मांग रखी। लीलेंद्र लोधी इसके पहले दस हजार रुपये दे चुके थे। सब इंजीनियर द्वारा और रिश्वत की मांग करने पर उन्होंने सागर लोकायुक्त पुलिस (Sagar Lokayukta Police) में शिकायत की। फरियादी की शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया और रिश्वत की बाकी राशि पचास हजार रुपये लेकर लीलेन्द्र को जनपद भेजा। जैसे ही फरियादी ने रिश्वत की रकम आरोपी सब इंजीनियर को दी, तभी टीम ने उसे रंगे हांथो गिरफ्तार कर लिया।
वहीं फरियादी लीलेंद्र लोधी का कहना है कि उनकी माता मूंगा बाई जो कि बालाकोट सरपंच हैं उन्होंने लिखित में लीलेंद्र लोधी को गौशाला, नर्सरी, खगरी निर्माण आदि का काम कराने के आदेश दिए थे।सब इंजीनियर द्वारा लगातार रिश्वत की मांग करने की वजह से उन्हें मजबूरन सागर लोकायुक्त पुलिस से शिकायत करनी पड़ी। लीलेंद्र द्वारा आज तक कुल 60 हजार रूपए जिसमें 10 हजार पहले और 50 हजार रंगे हाथ पकड़ने के लिए दी।
डीएसपी राजेश खेड़े ने बताया कि आज हमने ट्रैप की कार्रवाई की गई है। जिसमें हमने सहायक इंजीनियर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आवेदक लीलेन्द्र द्वारा लोकायुक्त में शिकायत की गई थी कि जनपद पंचायत के सब इंजीनियर द्वारा भुगतान की अनुशंसा करने हेतु 3% रिश्वत राशि मांगी जा रही है। जिसके बाद हमने जांच की और मामला सही पाया गया। जिसके बाद आज हमने यह कार्रवाई की है। आरोपी सब इंजीनियर के खिलाफ भ्रष्टाचारअधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।