भारत में किसानों को हमेशा से देश की रीढ़ माना गया है। खेत में पसीना बहाकर वह अनाज उगाता है, जिससे करोड़ों लोगों का पेट भरता है। लेकिन दुख की बात है कि वही अन्नदाता हर बार संकट में नजर आता है। कभी मौसम की मार उन्हें झेलनी पड़ती है, तो कभी कर्ज का बोझ उनकी जिंदगी को तबाह कर देता है। कई बार खाद-यूरिया की किल्लत उनकी सबसे बड़ी चिंता बन जाती है। इससे जुड़ी खबरें भी आएदिन मीडिया के माध्यम से सुनने और जानने को मिलती है।
ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के दमोह जिले से सामने आया है, जहां किसानों को खाद के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है। समस्या इतनी गंभीर हो गई कि खाद के टोकन को लेकर किसान आपस में ही भिड़ गए।
वीडियो वायरल
दरअसल, मामला शहर के एमपी स्टेट एग्रो के काउंटर के बाहर का है। जब टोकन बांटने के दौरान हालात अचानक बिगड़ गए और किसानों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। मामला धीरे-धीरे इतना गर्म हो गया कि बात हाथापाई तक पहुंच गई। जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे दर्जनों किसान टोकन पाने की होड़ में एक-दूसरे पर टूट पड़े है। कोई धक्का दे रहा है, तो कोई टोकन छीनने की कोशिश कर रहा है। आलम यह था कि टोकन पाने के लिए किसान कुश्ती जैसा मल्लयुद्ध (कुश्ती युद्ध) कर रहे थे। भीड़ में कई बार हालात बेकाबू होते नजर आए।
पहुंची पुलिस
वहां मौजूद लोगों के मुताबिक, यह झगड़ा करीब आधे घंटे तक चला। किसान लगातार नारेबाजी कर रहे थे और प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगा रहे थे। आखिरकार स्थिति बिगड़ते देख पुलिस को सूचना दी गई, जो पूरे दल-बल के साथ मौके पर पहुंची। जिसके बाद दोनों पक्षों को समझाबुझा कर मामला शांत कराया।
किसानों में आक्रोश
बता दें कि केवल दमोह ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में ऐसे ही हालात है। किसानों को एक बोरी खाद पाने के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता है। कई जगह महिलाएं, बुजुर्ग किसानों को भीषण धूप और बारिश में भी लाइन में लगना पड़ा। इसके बावजूद, उन्हें समय पर खाद नहीं मिल पा रहा। किसानों का कहना है कि खरीफ सीजन चल रहा है और फसल को बचाने के लिए खाद बेहद जरूरी है, लेकिन सरकार, प्रशासन उनकी परेशानी सुनने को तैयार नहीं हैं। अब किसान सड़कों पर उतरकर विरोध करने को मजबूर हो रहे हैं।
दमोह, दिनेश अग्रवाल





