मध्य प्रदेश का दमोह जिला आए दिन मीडिया में चर्चा का विषय बना रहता है। कभी यहां चोरी, डकैती जैसे मामले सामने आते हैं, तो कभी मारपीट की घटना हो जाती है। इससे आम जनता सुरक्षित महसूस नहीं करती, इसलिए पुलिस की गश्त को बढ़ा दिया गया है। एक बार फिर जिले से रेत का अवैध खनन का मामला आया है, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। बारिश का मौसम रेत माफिया के लिए सोने पर सुहागा साबित हो रहा है।
तेन्दूखेड़ा ब्लॉक के खर्राघाट इलाके में व्यारमा नदी से खुलेआम रेत का अवैध खनन जारी है। नदी का जलस्तर घटते ही किनारों पर रेत के बड़े-बड़े ढेर जमा हो गए, जिन्हें देख माफिया ने मौके का पूरा फायदा उठाया।
सैकड़ों मजदूर तैनात
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों मजदूर यहां तैनात कर दिए गए हैं, जो लगातार ट्रैक्टरों से रेत निकालकर ले जा रहे हैं। बरसात के दिनों में खनन पर प्रतिबंध होने के बावजूद प्रशासनिक कार्रवाई का नामोनिशान तक नहीं है। आसपास के ग्रामीण और पर्यावरण प्रेमी इस अवैध गतिविधि का विरोध कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज बेअसर साबित हो रही है। मामला मीडिया में आने के बाद तेजगढ़ थाना प्रभारी ने चौकी प्रभारी को तत्काल रेत खनन रोकने के निर्देश देने की बात कही है।
टीआई ने दी ये जानकारी
दमोह तेजगढ़ थाना प्रभारी अरविंद सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना मामले में जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। वहीं, स्थानीय निवासी हरिशंकर पटेल ने कहा पुलिस से जल्दी कार्रवाई की मांग की है।
दमोह, दिनेश अग्रवाल





