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Thu, Dec 18, 2025

MP सरकार के एक आदेश ने इन दुकानदारों को किया निराश, हजारों मजदूरों की कमाई पर असर

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
Last Updated:
सरकार ने आदेश दिया है कि इस बार 15 अगस्त पर सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और कॉलेजों में मिठाई केवल सांची डेयरी से खरीदी जाएगी। इससे दमोह समेत प्रदेश के निजी मिठाई व्यापारियों को बड़ा ऑर्डर नहीं मिला है, जिससे हजारों मजदूरों की कमाई पर गहरा असर पड़ा है।
MP सरकार के एक आदेश ने इन दुकानदारों को किया निराश, हजारों मजदूरों की कमाई पर असर

देशभर सहित पूरे MP में स्वतंत्रता दिवस का त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। बता दें कि इस दिन सुबह से ही सरकारी दफ्तरों, स्कूलों में बच्चों और जवानों के बीच अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किले में प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण भी किया जाता है। इस दौरान वहां हजारों की संख्या लोग हिस्सा लेने आते हैं। इसके लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी जाती है। जिसका जश्न मध्य प्रदेश के दमोह में भी दिखाई देता है, जब यह मौका मिठाई कारोबारियों के लिए हर साल बड़े ऑर्डर लेकर आता है, लेकिन इस बार सरकार के एक नए फरमान ने मिठाई कारोबारियों को मायूस कर दिया है।

दरअसल, प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है। जिसके तहत इस बार 15 अगस्त के अवसर पर सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और कॉलेजों में ध्वजारोहण के बाद जो मिठाई बांटी जाएगी, वह स्थानीय बाजार से नहीं बल्कि राज्य की सरकारी डेयरी संस्था सांची से खरीदी जाएगी।

प्रदेश सरकार का फैसला

बता दें कि सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए थे कि स्वतंत्रता दिवस के लिए मिठाई की पूरी डिमांड पहले से लेकर सांची को भेजी जाए, ताकि समय पर पेड़े उपलब्ध कराए जा सकें। इसका सीधा असर निजी मिठाई व्यापारियों के कारोबार और हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी पर पड़ा है। जिसे लेकर उनमें आक्रोश भी है।

छिनी रोजी-रोटी

दमोह के मिठाई व्यापारी ने बताया कि 15 अगस्त और 26 जनवरी उनके लिए खास मौके होते थे, जब उन्हें सरकारी संस्थानों से बड़े पैमाने पर बूंदी के लड्डू और पेडो के ऑडर्र मिलते थे, लेकिन इस बार सरकारी आदेश के चलते उन्हें एक भी ऑर्डर नहीं मिला। बता दें कि मिठाई बनाने के इस काम में हर जिले में सैकड़ों-हजारों मजदूर जुड़ते थे। व्यापारियों का कहना है कि इस बार मजदूरों को बुलाने की जरूरत ही नहीं पड़ी, जिससे उनकी मजदूरी भी छिन गई। व्यापारियों का मानना है कि सरकार चाहती तो सांची को मजबूत करने के अन्य तरीके अपना सकती थी, लेकिन इस तरह निजी कारोबारियों से उनका परंपरागत काम और आय छीन लेना उचित नहीं है।

व्यापारियों ने जताई नाराजगी

दमोह के मिष्ठान भंडार संचालक जगन गुजराती और संतोष चौरसिया ने कहा कि यह फैसला मिठाई कारोबार के लिए झटका है। एक अन्य मिठाई दुकान संचालन आशीष ने बताया कि सालभर में यह मौका खास कमाई का होता था, जो इस बार नहीं मिल सका। वहीं, जेपीबी स्कूल के प्राचार्य डी.के. मिश्रा और मिडिल स्कूल के हेडमास्टर नरेश अहिरवाल ने कहा कि सरकार का यह कदम सांची के उत्पादों को बढ़ावा देगा। कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि आदेश प्रदेश स्तर से आया है और उसका पालन अनिवार्य है।

दमोह, दिनेश अग्रवाल