दमोह, आशीष कुमार जैन। दमोह में हुए विधानसभा उपचुनाव के बाद जहां भाजपा को करारी हार का सामना करना वहीं उपचुनाव के साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं। चुनाव नतीजों।के बाद भाजपा संगठन बड़ी कार्यवाही करते हुए इलाके के कद्दावर नेता पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को नोटिस जारी किया था और उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया को निलंबित करने के साथ विधानसभा क्षेत्र के मंडल अध्यक्षो को बाहर का रास्ता दिखा दिया लेकिन नेताओ पर हुई कार्यवाही के बाद संग़ठन में विघटन नज़र आ रहा है। वार्डों में रहने वाले कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और अब इस्तीफों का दौर शुरू हुआ है। आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंति पर जहां भाजपा उन्हें याद कर संग़ठन की मजबूती की दलील दे रही थी वहीं भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता इस्तीफे सौंप रहे थे।
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इस्तीफे देने वालों में भाजपा के वार्ड अध्यक्ष शामिल हैं। जिनका आरोप है कि उपचुनाव के बाद से लगातार कार्यकर्ताओं को उपेक्षित किया जा रहा है और उन्हें किसी भी आयोजन की सूचना नही दी जाती। इतना ही न ही सालों से भाजपा का झंडा उठाने वाले कार्यकर्ता खुले रूप से आरोप लगा रहे हैं कि अब दलाली का दौर जारी है ओर गरीबों के नाम पर लूटपाट जारी है। एक साथ कई इस्तीफों के बाद भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रीतम लोधी ने सफाई देते हुए कहा है कि उपचुनाव के बाद अनुशासनहीनता की वजह से मंडल अध्यक्षो को अलग किया गया था अभी नई नियुक्तियां हुई है और व्यवस्था सुधरेगी।