दमोह।
मध्य प्रदेश के दमोह में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए दिग्गज नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या के बाद बसपा की पथरिया विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह, देवर समेत सात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।घटना के बाद से ही ये सब फरार चल रहे है ।शनिवार को भी पुलिस आरोपियों की लोकेशन तलाशती रही, विधायक रामबाई के दमोह और पथरिया स्थित निवास पर भी दबिश दी गई, लेकिन कोई सुराग हाथ नही लगा।इसके बाद एसपी ने आरोपियों पर इनाम घोषित किया है।फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी रात में दमोह जबलपुर नाका से निकले थे। इसके अलावा अभी कोई सुराग नहीं मिला है। एसपी आरएस बेलवंशी ने आरोपियों पर 10 हजार का नाम घोषित करते हुए जांच के लिए एएसपी के नेतृत्व में 11 सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी। शनिवार रात को जबलपुर हॉस्पिटल से पीएम रिपोर्ट और केस डायरी मिलने के बाद सभी आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मामले में देवेंद्र के भाई महेश चौरसिया ने हटा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह, देवर कौशलेंद्र सिंह उर्फ चंदू, भतीजे गोलू सिंह, भाई लोकेश सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल के पुत्र सरपंच इंद्रपाल पटैल, ठेकेदार श्रीराम राम और अमजद पठान के विरुद्ध मामला दर्जं कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। वही शनिवार को भी शहर में तनाव की स्थिति बनी रही।
ये है पूरा मामला
शुक्रवार को कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया अपने पुत्र सोवेश चौरसिया के साथ हटा-बोरी रोड स्थित कार्यालय जा रहे थे। तभी 4 वाहनों से आए 20 से 30 हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया। इस जानलेवा हमले में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया और सोवेश घायल हो गए। दोनों को दमोह से जबलपुर की निजी अस्पताल रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान देवेंद्र चौरसिया की मौत हो गई, वहीं सोवेश की हालत अभी नाजुक है उनका इलाज चल रहा है| सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। इस घटना से इलाके में तनाव पूर्ण हालत बन गए हैं।बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ 12 मार्च को दमोह पहुंचे थे। इस अवसर पर देवेंद्र चौरसिया सहित अन्य ने बीएसपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वहीं कांग्रेस में शामिल होने पर देवेंद्र चौरसिया को खुद की सुरक्षा को लेकर खतरा था। बताया गया है कि कांग्रेस में शामिल होने की सार्वजनिक घोषण के पहले जब देवेंद्र चौरसिया भोपाल गए थे देवेंद्र चौरसिया ने अपनी सुरक्षा को लेकर सीएम के समक्ष बात भी रखी थी।
कद्दावर नेता माने जाते थे देवेंद्र
देवेंद्र क्षेत्र के कद्दावर नेता माने जाते थे। वर्ष 2004 में देवेंद्र चौरसिया उम्र 56 वर्ष निवासी हटा बसपा प्रत्याशी के रूप में हटा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। वहीं वर्ष 2014 में वह दमोह लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। वर्षों तक वह बसपा में रहे और 12 मार्च 2019 को कांग्रेस में शामिल हुए थे। सोवेश, देवेंद्र चौरसिया का इकलौता पुत्र है जो घटना में घायल होने की वजह से उपचाररत है।
मेरे पति और देवर ने नहीं की हत्या : रामबाई
हत्या के आरोप विधायक रामबाई के परिजनों पर लग रहे हैं| विधायक रामबाई ने आरोपों को नकारा है। रामबाई ने कहा कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। क्योंकि उनके परिजनों को लोकसभा का चुनाव का लडऩा है, इसलिए फंसाया जा रहा है। जिस समय की घटना बताई जा रही है उस समय मेरे पति, भतीजा व भाई दमोह सागरनाका स्थित घर पर थे। जिसके सीसीटीवी फुटेज देखे जा सकते हैं। देवर चंदू पास के गांव में थे। जिला पंचायत अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव की यह रंजिश उस दौरान देवेंद्र चौरसिया ने मुझे धमकी दी थी। मैं इस मामले में एक पत्र पुलिस को दे रही हैं कि बगैर जांच के कैसे एफआइआर में उनके परिजनों के नाम जोड़े गए हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी बात करुंगी।