इस जिले में आया तूफान, लोगों की गृहस्थी उजड़ी, कई पेड़-खंभे भी गिरे

Gaurav Sharma
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दमोह, गणेश अग्रवाल। जिले के असलाना ग्राम में शुक्रवार की सुबह आए चंद मिनट के तूफान ने तबाही मचा दी। लगभग 50 घरों को यहां पर नुकसान हुआ है। कई घर तो पूरी तरह से उजड़ गए हैं। तेज आंधी और तूफान के कारण यहां के लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। एकाएक आई हवा ने इस गांव के पेड़ उखाड़ दिए, तो बिजली के खंभे भी जमींदोज कर दिए।

ऐसे हालात में ग्रामीणों ने प्रशासन से सहायता की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि अचानक आई तेज आंधी के कारण वे अपने घरों को नहीं बचा सके। वही टपरे नुमा घरों में रखी गृहस्थी की सामग्री भी पूरी तरह से खराब हो गई है। वहीं कई पक्के घरों की छत भी उड़ने की बात सामने आई है। इसके अलावा गांव के पेड़ उखड़ कर गिर गए हैं। कई पेड़ टूट गए हैं, तो बिजली के खंभे जमीन से ऊपर करके जमींदोज हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक ऐसी आंधी कभी नहीं देखी, जो आज आई है, ग्रामीणों ने मदद की गुहार भी लगाई है।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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