Datiya news: दतिया में उड़ रहा स्वच्छता अभियान का मजाक, शहर में जगह-जगह फैली गंदगी

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दतिया, सत्येंद्र रावत। पीएम मोदी की अगुवाई में स्वच्छ भारत मिशन देश में स्वच्छता फैलाने में अहम भूमिका अदा कर रहा है। लेकिन दतिया में अरबों खरबों रुपए की लागत से चलाए जा रहे इस अभियान का मजाक बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छता के लिए चलाए जा रहे इस अभियान में जहां एक ओर देश का हर छोटा बड़ा शहर जुड़ा हुआ है। वही दतिया नगर पालिका के काम देख कर लगता है कि यहां स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ कागजों पर नजर आ रहा है। स्वच्छ भारत का सपना देखने से पहले अगर दतिया शहर में नजर दौड़ाई जाए तो आपको वहां नगर निगम की मनमानी, नालियों में भरा हुआ कचरा, अव्यवस्थित ड्रेनेज सिस्टम और शहर में जगह-जगह गंदगी से भरी गलियां और चौराहे नजर आएंगे।

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गली मोहल्लों चौराहों पर अव्यवस्थित कचरा और गंदगी के ढेर दतिया शहर में आम दृश्य है। दतिया नगरपालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी और तानाशाही के चलते शहर के अधिकांश वार्ड गंदगी से भरे पड़े हैं। आलम यह भी है कि कचरा पेटी के सामने कचरा पड़ा हुआ है और जहां स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े नारे लिखे गए हैं वही कूड़े का ढेर सड़ रहा है। नियमित रखरखाव और साफ सफाई का कहीं नामोनिशान नहीं है।

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ऐसे में स्वच्छ भारत अभियान यहां सिर्फ कागजों पर नजर आता है। हकीकत का उससे कोई वास्ता नहीं। जहां वार्ड की गलियां छोटी है वहां कचरा गाड़ी नहीं पहुंच रही, पहुंच रही है तो सही कचरा उठा नहीं रही,नगर निगम की मनमानी के चलते रहवासी गंदगी और बदबूदार सड़कों से गुजरने पर मजबूर हैं।

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उदाहरण के तौर पर वार्ड क्रमांक 24 में कचरा गाड़ियां प्रवेश नहीं कर रही है। शिकायत पर वादे किए जाते हैं, लेकिन वह सिर्फ कागजी हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जहां देश का हर शहर स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ चुका है वहां दतिया नगर निगम की नींद कब जाकर खुलेगी।


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Ram Govind Kabiriya

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