पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य का मंत्री नितिन गडकरी को पत्र, कहा- शनिवार को टोल फ्री हो दतिया मार्ग

Gaurav Sharma
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टोल प्लाजा

दतिया/झांसी,सत्येन्द्र रावत। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर झांसी से दतिया जाने वाले मार्ग पर एनएचआई द्वारा टोल टैक्स बनाए जाने के बारे में पत्र लिखा है ।उन्होंने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि बुंदेलखंड के इस धार्मिक स्थल वाले केंद्र दतिया में मां पीतांबरा का सिद्ध स्थल है। देश ही नहीं पूरी दुनिया से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।

इस मंदिर में झांसी से सैकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं। टोल प्लाजा बनने के बाद भक्तों को इस मार्ग पर सफर करना अब महंगा हो गया है। माता के दर्शन के लिए भक्तों को टोल देना भारी पड़ रहा है।अपने पत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मासिक पास बनाने के साथ हर शनिवार को टोल टैक्स मुक्त रखा जाए, इसमें उत्तर प्रदेश की नेम प्लेट वाले नंबरों को शामिल किया जाए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य का मंत्री नितिन गडकरी को पत्र, कहा- शनिवार को टोल फ्री हो दतिया मार्ग

पत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि यूपी 93 और यूपी 94 जो कि झांसी और ललितपुर के वाहन संख्या है, इनको पूरे साल हर शनिवार और दोनों नवरात्रों में टोल टैक्स से मुक्त रखा जाए। अपनी बात को केंद्रीय मंत्री तक पहुंचाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने एक बुंदेली कहावत को भी लिखा है जिसमें कहा गया है कि झांसी गले की फांसी, दतिया गले का हार ललितपुर जब तक ना छोड़िए जब तक मिले उधार। यानी यह तीनों शहर बुंदेली विरासत की वह केंद्र हैं, जो आपसी भाईचारा प्रेम मिलाप और धार्मिक आस्था रखने वाले लोगों का समूह हैं।

प्रदीप जैन आदित्य ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र के बाद स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी आंद्रे वामसी और एनएचएआई के अधिकारी से भी वार्ता की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि श्रद्धालुओं के लिए टोल में राहत जल्द मिलेगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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